मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला
मुंबई , रविवार, 16 मार्च 2014 (12:44 IST)
मुंबई। मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबले की उम्मीद है। कांग्रेस के निवर्तमान सांसद गुरुदास कामत, शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकर, 'आप' के मयंक गांधी और फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।मांजेरकर की उपस्थिति से मुकाबला काफी रोचक हो गया है और राजनीतिक पर्यवेक्षक इससे कीर्तिकर के लिए खतरा देख रहे हैं। पर शिवसेना के नेता पार्टी का उत्साही चेहरा हैं और लगातार अपना अभियान जारी रख वोटरों से कह रहे हैं कि कांग्रेस विरोधी वोट में दरार से अंतत: सत्तारूढ़ कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन को फायदा हो सकता है।2009
में गुरुदास कामत मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से बहुकोणीय मुकाबले में 38,000 से ज्यादा वोट से जीते थे।बहरहाल, इस बार चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी (आप) के आने और मनसे उम्मीदवार महेश मांजरेकर की मौजूदगी को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अंतिम परिणाम काफी अप्रत्याशित हो सकता है।यहां पर 16 लाख से ज्यादा वोटर हैं जिसमें मराठी और गुजराती आबादी के साथ ही उत्तर-भारतीय, मुस्लिम और दलितों की मौजूदगी है।निर्वाचन क्षेत्र में जुहू और विले पार्ले पश्चिम भी आता है, जो अभिनेता अमिताभ बच्चन जैसे अदाकार के साथ ही टेलीविजन के कई कलाकारों का ठिकाना है।यह निर्वाचन क्षेत्र 1977 तथा 1980 को छोड़कर हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। 1977 में जनता पार्टी की लहर के दौरान उसके टिकट पर प्रख्यात वकील राम जेठमलानी यहां से जीते थे। 1980 में वे भाजपा के टिकट पर यहां से जीते।शांतिलाल शाह, हरि रामचंद्र गोखले जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी यहां से सांसद थे। अभिनेता से नेता बने दिवंगत सुनील दत्त ने 1984 में अपने पहले चुनावों के बाद से इस क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाए रखा था।उनके बेटे संजय दत्त को टाडा के तहत जमानत न मिलने पर उन्होंने 1996 और 1998 में खुद को चुनावी दौड़ से दूर रखा। उधर कांग्रेस के उम्मीदवार शिवसेना के मधुकर सरपोतदार से हार गए थे। 2005 के उपचुनावों के दौरान सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त चुनी गईं। उन्होंने शिवसेना के सरपोतदार को 1.71 लाख वोटों से हराया था।हमेशा मुंबई उत्तर-पूर्व की लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस के गुरुदास कामत को वर्ष 2009 में मुंबई उत्तर-पश्चिम जाना पड़ा था। उन्होंने गोरेगांव से 4 बार विधायक रह चुके शिवसेना के गजानन कीर्तिकार को 38 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। मनसे की उम्मीदवार शालिनी ठाकरे को 1 लाख से ज्यादा वोट मिले थे।अवसंरचना और आवास की कमियां और झोपड़पट्टी का प्रसार इस निर्वाचन क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे रहे हैं, हालांकि वर्सोवा-घाटकोपर मेट्रो रेल लाइन जल्दी ही आने वाली है लेकिन इस बात को लेकर यहां नाराजगी है कि इसके पहले चरण को पूरा होने में 6 साल से ज्यादा समय लग गया।हालांकि कांग्रेस ने कहा कि मेट्रो परियोजना के कारण प्रभावित हुए लोगों के पुनर्वास में लंबा समय लग गया। वर्सोवा से कांग्रेस के विधायक बलदेव खोसा ने कहा कि मुंबई उत्तर-पश्चिम ‘छोटे भारत’ जैसा है। विकसित होते इस क्षेत्र में मिश्रित जनसंख्या है।वर्ष 2009 में कई उम्मीदवारों के बीच हुए मुकाबले से कांग्रेस अस्थिर नहीं हुई। खोसा ने कहा कि यदि हम दोबारा सत्ता में आते हैं तो हम उन विकास कार्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे, जो हमने किए हैं या जिनकी हमने योजना बनाई है।उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से होकर गुजरने वाली मेट्रो रेल लाइन के पहले चरण का उद्घाटन और दूसरे चरण का काम कांग्रेस के प्रयासों के कारण है।पिछले 5 सालों के दौरान मतदाताओं की संख्या में लगभग 1 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2009 में मतदाताओं की संख्या 1,65,7578 थी। निर्वाचन क्षेत्र में इनमें से 17,24,956 मतदाताओं में वर्तमान में 9,67,609 पुरुष मतदाता और 7,69,609 महिला मतदाता हैं।गुरुदास कामत ने बताया कि महत्वपूर्ण मुद्दों का बेहतर आधारभूत ढांचा परियोजनाओं जैसे कि तटीय सड़क, एलिवेटेड रेलवे, मेट्रो रेल के द्वितीय और तृतीय चरण के जरिए समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा तटीय इलाकों में पुरानी सोसायटियों को विकसित करने के लिए तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) में छूट के जरिए भी इन मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। (भाषा)