मुंबई। राकांपा ने कांग्रेस से अदला-बदली के तहत भले ही रायगढ़ लोकसभा सीट पा ली हो लेकिन चुनाव में उसके हाईप्रोफाइल उम्मीदवार और महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री सुनील तटकरे की राह आसान नहीं जान पड़ रही है।
तटकरे का मुकाबला 5 बार से सांसद रहे शिवसेना के अनंत गीते, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी पूर्व पुलिस अधिकारी संजय अप्रंति और पीडब्ल्यूपी के रमेश कदम से है। कदम राकांपा के पूर्व विधायक हैं।
उधर कांग्रेस के कद्दावर नेता एआर अंतुले बिना उनसे संपर्क किए सीट की अदला-बदली किए जाने से नाराज चल रहे हैं लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रत्याशी के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अंतुले ने 4 बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
मुंबई से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थित रायगढ़ लोकसभा सीट में 6 विधानसभा क्षेत्र- पेन, अलीबाग, श्रीवर्धन, महाड़, दापोली, गुहाघर आते हैं। पेन और अलीबाग पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के पास है जबकि महाड़ और दापोली शिवसेना के पास तथा श्रीवर्धन एवं गुहाघर से राकांपा विधायक हैं। तटकरे श्रीवर्धन से विधायक हैं। गुहाघर से प्रदेश राकांपा प्रमुख भास्कर जाधव विधायक हैं।
पीडब्ल्यूपी नेता एसपी जाधव कहते हैं कि तटकरे तो अपने जिले के भी नेता नहीं हैं, उनका अपनी ही पार्टी के नेता भास्कर जाधव से अच्छे संबंध नहीं हैं, तो कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि वे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे?
वे उनके विकास विजन पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि उन्हें राकांपा के अंतरकलह और कांग्रेस इकाई में असंतोष का फायदा मिलेगा। तटकरे उनके आरोपों का खंडन करते हैं और कहते हैं कि मैं कांग्रेस और राकांपा के सभी नेताओं और पदाधिकारियों से मिल रहा हूं और हम मिलकर चुनाव अभियान चलाएंगे तथा मुझे अपनी जीत का पूरा भरोसा है।
उधर तटकरे और पीडब्ल्यूपी नेताओं का कहना है कि गीते निष्प्रभावी हैं, क्योंकि उन्हीं की पार्टी के नेता रामदास कदम ने कहा है कि वे गीते के लिए काम नहीं करेंगे। 'आप' की तटकरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को उछालने की योजना है लेकिन तटकरे का कहना है कि आरोपों में दम नहीं है। (भाषा)