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सतना: अजय सिंह ने मुकाबले को बनाया रोचक

हमें फॉलो करें सतना: अजय सिंह ने मुकाबले को बनाया रोचक
भोपाल , रविवार, 30 मार्च 2014 (14:59 IST)
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भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत अर्जुन सिंह के पुत्र एवं मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता विधायक अजय सिंह ‘राहुल’ को पार्टी द्वारा प्रदेश के विन्ध्य अंचल की सतना सीट से इस लोकसभा चुनाव में उतारने की वजह से इस संसदीय सीट पर पूरे देश की निगाहें हैं।

कांग्रेस से 6 बार विधायक रह चुके और वर्तमान में सीधी जिले की चुरहट विधानसभा सीट से विधायक अजय सिंह सतना से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण कांग्रेस को उम्मीद है कि 23 वर्ष बाद कांग्रेस फिर वहां से चुनाव जीत सकती है। इससे पहले 1991 में अजय सिंह के पिता दिवंगत अर्जुन सिंह यहां से कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीते थे।

इसके बाद यहां से कांग्रेस लगातार चुनाव हारती रही है। लेकिन प्रदेश में 3 में से सबसे पहले चरण में 10 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद है कि अजय सिंह भाजपा प्रत्याशी सांसद गणेश सिंह की ‘हैटट्रिक’ रोकने में सफल होंगे। इसके लिए उन्हें सर्वाधिक भरोसा ब्राह्मण मतदाताओं पर है जिनकी संख्या जिले में सर्वाधिक है।

इस लोकसभा चुनाव में इस सीट पर ब्राह्मणों के अलावा प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से वैश्य भी भाजपा से नाराज हैं। इसके बावजूद मोदी और शिवराज लहर से भाजपा को यह सीट एक बार फिर जीतने का पूरा यकीन है।

हालांकि बसपा ने यहां जरूर एक ब्राह्मण उम्मीदवार धर्मेन्द्र तिवारी पर दांव आजमाया है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां दूसरे नंबर पर रही बसपा भी पूरी ताकत के साथ मैदान में है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अजय सिंह के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं, वहीं भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह के समर्थन में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी 1 अप्रैल को सतना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। बसपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र तिवारी को जिताने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती चुनावी सभा करने वाली हैं।

कांग्रेस, भाजपा और बसपा ने एक बार फिर सतना लोकसभा का चुनाव काफी रोचक बना दिया है। भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस ने दिग्गज नेता अजय सिंह को मैदान में उतारा गया है, जबकि जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर बसपा ने ब्राह्मण नेता धर्मेन्द्र तिवारी पर दांव खेला है।

पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी सुखलाल कुशवाहा से गणेश सिंह लगभग साढ़े 4 हजार मतों से बमुश्किल जीते थे। इस कारण बसपा को कमजोर नहीं आंका जा सकता है।

पिछले लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव सपा प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी की ओर था। इसी वजह से त्रिपाठी को डेढ़ लाख से अधिक मत मिले थे। इस बार सपा मैदान में नहीं है और राजाराम त्रिपाठी कांग्रेस में आ चुके हैं और अजय सिंह के पक्ष में खुलकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

एक अन्य ब्राह्मण नेता मैहर से कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी भी पूरी टीम के साथ कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह को जिताने में लगे हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि ब्राह्मण मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की ओर हो सकता है। रोचक मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो कहना मुश्किल है।

सतना संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक लगभग पौने 4 लाख संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की है। इसके अलावा पटेल डेढ़ लाख, ठाकुर नब्बे हजार, कुशवाहा सत्तर हजार, आदिवासी लगभग एक लाख और तीस हजार के करीब मुस्लिम और वैश्य मतदाता हैं। इसके अलावा यादव, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं।

जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 4 नागौद, अमरपाटन, मैहर और चित्रकूट पर कांग्रेस तथा 2 सतना एवं रामपुर बघेलान में भाजपा का कब्जा है, जबकि एकमात्र सुरक्षित विधानसभा सीट रैगांव पर बसपा का कब्जा है। इस स्थिति को देखते हुए भाजपा की राह आसान नहीं है।

इस संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 14 लाख 42 हजार 744 हैं जिनमें 7 लाख 63 हजार 862 पुरुष और 6 लाख 78 हजार 860 महिलाएं हैं। (भाषा)

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