अरविंद केजरीवाल के सामने हैं गंभीर चुनौतियां.....
आम आदमी पार्टी (आप) फिर बगावत का सामना कर रही है। पार्टी एक ओर जहां लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी है, वहीं इसके नेता मुसीबतें पैदा कर रहे हैं। पार्टी 20 जनवरी तक उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है लेकिन ऐसे में बगावत होना पार्टी की राह में गंभीर चुनौती पैदा कर रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि आम चुनाव में उनकी पार्टी का मुख्य मुकाबला भाजपा से होगा। अभी तक कराए गए विभिन्न सर्वेक्षणों में 'आप' को अच्छी सफलता मिलने की भविष्यवाणी की गई है। 'आप' ने 26 जनवरी तक एक करोड़ सदस्य बनाने के लिए अभियान भी चला रखा है। पार्टी हर वर्ग को आकर्षित करने के लिए नए तरीके अपना रही है। इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार को मिलाद-उन-नबी के अवसर पर मस्जिद भी गए। सिविल सोसायटी के सदस्य भी बड़ी संख्या में 'आप' के साथ जुड़ रहे हैं, लेकिन इन सभी बातों के बावजूद 'आप' के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अगले पन्ने पर, इन कारणों से बिखर जाएगी आप...
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि 'आप' कुछ समय के बाद अपने आप बिखर जाएगी क्योंकि ऐसा होने के कई कारण हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण हैं- नेतृत्व का अभाव, विचारधारा न होना, आंदोलन से जुड़े लोगों की अपनी विचारधारा, सिर्फ भ्रष्टाचार की बात करना और राष्ट्रीय एजेंडा न होना। इन्हीं कारणों की वजह से 'आप' में शामिल हुए सभी लोग अपना-अपना एजेंडा लेकर काम कर रहे हैं।