आम आदमी पार्टी (आप) का दावा है कि वह आम आदमी के अधिकारों के लिए संघर्षरत है, लेकिन पार्टी की कथनी और करनी में भी लोगों को अंतर नजर आने लगा है। अब तो आरोप भी लगने लगे हैं। एक ऐसा ही आरोप अलपुझा लोकसभा सीट को लेकर अवस्थी नायर ने लगाया है।अवस्थी एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो कि पिछले छह वर्षों से गरीब, दलितों और अनाथ बच्चों की सेवा में जुटी हुई हैं। उनका नाम आप की ओर से अलपुझा लोकसभा सीट के लिए तय किया गया था, लेकिन उन्होंने अंतिम क्षणों में प्रत्याशी बनने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें बिना उनकी अनुमति से कोल्लम का प्रत्याशी बना दिया गया था। प्रस्तुत हैं अवस्थी से वेबदुनिया की खास बातचीत... -
आप की ओर आकर्षित होने का कोई विशेष कारण? *मैं एक राजनीतिज्ञ नहीं हूं। एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं जो कि मानव अधिकारों, सड़कों पर रहने वाले लोगों की बेहतर जिंदगी के लिए संघर्ष करती है। मैंने हमेशा ही महसूस किया है कि हम अपने संघर्षों को और अधिक सार्थक बना सकते हैं अगर हममें सामाजिक जागरूकता हो, या हमारे साथ सामाजिक सहयोग हो। आप का दावा है कि वह आम लोगों के अधिकारों के लिए है, मैंने सोचा कि इस तरीके से मेरे प्रयासों को अधिक समर्थन मिल सकेगा और मैं बाधाओं, मुसीबतों से पार पा सकती हूं। इसलिए जब पार्टी ने मुझसे सम्पर्क किया तो मैंने इसे एक विकल्प के तौर पर अपनाया। आप ने विभिन्न कॉलेजों में सर्वे किया था कि किसे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकित किया जाए। ऐसा लगता है कि अलपुझा के छात्रों ने मेरा नाम आगे बढ़ाया तो मुझे आप से संदेश मिला। प्रारंभिक सूचना के बाद मैंने स्क्रीनिंग टेस्ट पास किया और बाद में जब मैं त्रिवेंद्रम पार्टी ऑफिस में पहुंची तो मैं निराश हुई और मुझे आप के पिछले दरवाजों के इरादों की भनक लगी। नेताओं और समर्थकों के बीच संवाद नहीं था और केन्द्रीय समिति उन्हें एकजुट नहीं कर सकी। जहां तक मैं समझी हूं, केरल में आप का अर्थ मनोज पद्मनाभन और केपी रतीश हैं और बाकी छोटे-मोटे मोहरे हैं। -
आप में शामिल होने के लिए आपको किसने बुलाया था?*कोल्लम के कार्यकारी सदस्य राजकृष्ण। कुल मिलाकर कोल्लम में आप के आठ सदस्य हैं।
'आप' नहीं समझती लोगों के विचारों का मूल्य...पढ़ें अगले पेज पर....