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धरने के बाद किए गए सर्वे में दिखी आप की हवा ?

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हमें फॉलो करें अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार जितनी जल्दी में दिख रही है, उतनी ही उम्मीदें और उतने ही विवाद भी पैदा कर रही है। इस हफ्ते केजरीवाल का धरना और सोमनाथ भारती का विजिलैंटिज्म सुर्खियों में रहा। यहां सवाल है कि क्या इन सबके बीच आप की लोकप्रियता में कोई कमी आई है, इस मोर्चे पर एक सर्वे आम आदमी पार्टी को तसल्ली और हौसला दे सकता है।

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यह सर्वे एनडीटीवी के लिए हंसा रिसर्च ने किया है। इसमें 22−23 जनवरी को दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के एक हजार से ज्यादा लोगों की राय ली गई। नतीजा यह दिखा कि आधे से ज्यादा लोग केजरीवाल के धरने का भी समथर्न कर रहे हैं और केजरीवाल को सबसे बेहतर मुख्यमंत्री मानते हैं।

अगले पन्ने पर, सर्वे में पूछे गए सवाल और उनके जवाब....


यह पूछे जाने पर कि दिल्ली में रेल भवन के सामने एक मुख्यमंत्री का धरने पर बैठना लोगों को कैसा लगा? क्या अपनी सरकार के रहते ये धरना उचित था? हंसा रिसर्च के सर्वे में दिल्ली के 51 फीसदी लोगों ने इसे सही बताया, वहीं 39 फीसदी लोगों ने गलत।

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जबकि बेंगलुरु के भी 51 फीसदी लोग इसके साथ दिखे, जबकि 35 फीसदी इसके खिलाफ और मुंबई के तो 58 फीसदी लोग केजरीवाल के साथ आ गए, लेकिन 30 फीसदी लोगों ने इसे सही नहीं माना। लेकिन, यहां एक और अहम सवाल यह है कि मुख्यमंत्री के तौर पर केजरीवाल का काम कैसा है? तो इसके जवाब में 19 फीसदी दिल्लीवालों ने इसे बहुत अच्छा, 39 फीसदी ने इसे अच्छा, जबकि 19 फीसदी दिल्लीवालों ने इसे बुरा करार दिया।

वहीं बेंगलुरु की अगर बात करें, तो 11 फीसदी बेंगलुरुवासियों ने इसे बहुत अच्छा और 48 फीसदी ने अच्छा माना है। सिर्फ 8 फीसदी बेंगलुरु वाले उनके काम को खराब मानते हैं। वहीं 28 फीसदी मुंबई वालों की निगाह में केजरीवाल का काम बहुत अच्छा और 45 फीसदी के लिए अच्छा है। सिर्फ 7 फीसदी मुंबईकर ऐसे रहे, जिनकी निगाह में केजरीवाल बुरा काम कर रहे हैं।

वहीं सर्वे का अगला सवाल था कि केजरीवाल, डॉ हर्षवर्धन और शीला दीक्षित में कौन बेहतर मुख्यमंत्री है। यहां केजरीवाल अपने प्रतिद्वंद्वियों से कोसों आगे दिखे। 63 फीसदी दिल्लीवाले केजरीवाल को बेहतर मानते हैं, जबकि 23 फीसदी हर्षवर्धन को और सिर्फ 9 फीसदी शीला दीक्षित को अपना वोट दे रहे हैं।

इसी तरह 50 फीसदी बेंगलुरु वालों की निगाह में केजरीवाल बेहतर हैं, 18 फीसदी की निगाह में हर्षवर्धन और 21 फीसदी शीला दीक्षित के साथ हैं। मुंबई में भी 62 फीसदी लोग केजरीवाल को बेहतर मानते हैं, वहीं 22 फीसदी डॉ हर्षवर्धन को और सिर्फ 3 फीसदी शीला दीक्षित को।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस किसके पास हो, केंद्र के पास या राज्य सरकार के पास, इस एक सवाल पर जनमत केजरीवाल की राय के खिलाफ है। यहां 56 फीसदी दिल्लीवासी मानते हैं कि पुलिस को केंद्र के अधीन होना चाहिए, जबकि सिर्फ 36 फीसदी मानते हैं कि पुलिस राज्य सरकार के अधीन हो।

वहीं 50 फीसदी बेंगलुरु वालों की राय है कि पुलिस केंद्र के अधीन ही ठीक है और 35 फीसदी दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के हवाले करने के हक में हैं। हालांकि, यहां मुंबई वालों की राय केजरीवाल के कुछ करीब है। 42 फीसदी मुंबई वाले मानते हैं कि केंद्र सरकार के पास ही पुलिस ठीक है, जबकि 43 फीसदी मुंबई वालों की राय उलटी है।

वैसे इस असहमति के बाद भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सितारे बुलंद हैं। अगर अभी वहां से फिर से चुनाव हो जाएं, तो इस सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिल जाएगा, क्योंकि दिल्ली के 57 फीसदी वोट आप को जा रहे हैं, 29 फीसदी बीजेपी को और 10 फीसदी वोट कांग्रेस को। यानी इस सर्वे के अनुसार अभी तक आप की हवा है।

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