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कपिल सिब्बल

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राजनेता और पेशे से वकील कपिल सिब्‍बल वर्तमान केंद्र सरकार में कानून और न्‍यायमंत्री तथा संचार एवं आईटी मंत्री हैं। उनका जन्‍म 8 अगस्‍त 1948 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। पिता हीरालाल सिब्बल और माता कैलाश रानी सिब्बल हैं।

1973 में नीना सिब्बल सिब्बल से विवाह हुआ, जिनका 2000 में स्तन कैंसर से देहांत हो गया। पहले विवाह से उनके दो पुत्र हैं। एक अमित सिब्बल और दूसरा अखिल सिब्बल, दोनों ही वकील हैं। 2005 में उन्होंने एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रोमिला से पुन: शादी की।

उनके भाई कंवल सिब्बल भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं। विभाजन के दौरान पिता के बेघर होने के बाद इनके परिवार को भारत में ही पनाह लेनी पड़ी। 1964 में कपिल सिब्बल ने दिल्ली का रुख किया।

चंडीगढ़ के सेंट जॉन्स हाईस्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्‍त करने के बाद उन्होंने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय से संबंद्ध सेंट स्‍टीफन कॉलेज से एलएलबी में स्नातक किया। उसके बाद इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।

1972 में उन्होंने बार एसोसिएशन ज्‍वॉइन किया। 1973 में कपिल सिब्‍बल ने आईएएस की परीक्षा पास की। उन्‍हें अधिकारी के रूप में ज्‍वॉइन कराया जा रहा था, लेकिन उन्‍होंने नौकरी न करते हुए अपनी कानूनी प्रैक्टिस जारी रखी।

इसके बाद उन्होंने एलएलएम की पढ़ाई के लिए हॉवर्ड लॉ स्कूल में पंजीयन करवाया और 1977 में पढ़ाई पूरी कर लौटे। 1983 में उन्हें वरिष्ठ वकील के रूप में नामिल किया गया। 1989 में उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया।

1994 में संसद में नज़र आने वाले वो पहले वकील थे, जिसने महाभियोग की कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश का सफलतापूर्वक बचाव किया था। उक्त महाभियोग प्रस्ताव 10 मई 1993 को बहस और मतदान के लिए विधानसभा में रखा गया।

उस दिन विधानसभा में 401 सदस्य मौजूद थे, जिनमें से 196 ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया, विरोध में कोई मत नहीं पड़ा। सत्तारूढ़ कांग्रेस व सहयोगी दलों ने मतदान करने से परहेज़ किया। वे क्रमश: तीन बार 1995-96, 1997-98 और 2001-2002 सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे।

2004 के आम चुनावों में सिब्बल ने भाजपा उम्मीदवार और टीवी कलाकार स्मृति ईरानी के खिलाफ चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की और सांसद बने। साथ ही केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और भू-विज्ञान मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किए गए।
दूसरी बार भी 2009 में उन्होंने चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। 2009 में वे एक बार फिर चांदनी चौक से चुनाव जीतकर ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट विभाग के मंत्री बने।

इसी दौरान उन्‍होंने सभी प्राथमिक स्‍कूलों के सभी विद्यार्थियों को 2300 और 2900 रुपए में टेबलेट देने की घोषणा की। 2011 में सिब्बल ने निजी भागीदारी से तैयार किए जाने वाले टच स्क्रीन टैबलेट कम्प्यूटर विकसित किए जाने की घोषणा की। पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ओएलपीसी की पहल का समर्थन किया।

कम कीमत के टैबलेट पीसी 'आकाश' को दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल अपना सपना मानते हैं, जो पूरा नहीं हो सका।
कपिल सिब्बल का नाम कभी 2जी स्टेक्ट्रम घोटाला, वोडाफोन टैक्‍स स्‍कैंडल, इंटरनेट सेंसरशिप, समलैंगिकता, स्‍वामी अग्निवेश पर दिए बयान को लेकर उछला, तो कभी पत्रकार तरुण तेजपाल से संबंध होने के कारण।

कभी वे अपने महंगाई को लेकर दिए गए अपने बयान 'दो सब्जियां खाने से बढ़ी महंगाई', के चलते बदनाम हुए, तो कभी अन्‍ना हजारे तथा बाबा रामदेव के आंदोलन के समय भी काफी चर्चा में रहे।

कपिल सिब्बल की कविताओं का संकलन 'आई विटनेस: पार्शियल ऑब्ज़र्वेशन', रोली बुक्स नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है। सुरक्षा, परमाणु अप्रसार और आतंकवाद जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित उनके लेख कई राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए हैं।

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