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अकबरुद्दीन ओवैसी : प्रोफाइल

हमें फॉलो करें अकबरुद्दीन ओवैसी : प्रोफाइल
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आंध्रप्रदेश विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के विधायक और सदन में पार्टी के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी का जन्म 14 जून, 1970 को हैदराबाद में हुआ। 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने हैदराबाद पब्लिक स्कूल से की, जबकि इंटरमीडिएट हैदराबाद के सेंट मेरीज़ जूनियर कॉलेज से किया।

ओवैसी ने गुलबर्गा में 2 साल के लिए चिकित्सा पद्धति का अध्ययन किया, लेकिन राजनीति में प्रवेश करने के लिए दूसरे वर्ष के दौरान ही एमबीबीएस छोड़ दिया।

अकबरुद्दीन 'ओवैसी अस्पताल' के प्रबंध निदेशक हैं, जिसकी स्थापना उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के कल्याण हेतु की थी। 1995 में उन्होंने ईसाई महिला से शादी की, जिसने इस्लाम ग्रहण किया और सबीना फर्जाना नाम रखा। इस शादी का उनके पिता सलाहुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया और उन्हें माफ करने से भी इंकार कर दिया। बाद में 1998 में अकबरुद्दीन और उनके पिता के बीच सुलह हुई थी। वे एक बेटे और एक बेटी के पिता हैं।

विभिन्न विचारधाराओं के नेता अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए समय-समय पर हिंसा भड़काने वाले उत्तेजक बयान देते रहे हैं। आंध्रप्रदेश में ओवैसी परिवार ठीक उसी तरह है, जैसे महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार।

हैदराबाद में रहने वाले अकबरुद्दीन ओवैसी पर कुछ समय पहले ही भड़काऊ भाषण देने, दो सम्प्रदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। उनके बड़े भाई असउद्दीन ओवैसी हैदराबाद से पार्टी के सांसद हैं।

उन्हें मुख्य रूप से भड़काने वाले विवादास्पद बयान देने के लिए जाना जाता है। अगस्त 2007 में अपनी पार्टी के अन्य विधायकों के साथ उन्होंने तस्लीमा नसरीन की हत्या करने की धमकी दी थी।

हैदराबाद के कट्‍टर सुन्नी मुस्लिम 43 वर्षीय अकबरुद्दीन ओवैसी पहली बार 1999 में पार्टी के विधायक चुने गए थे। पहली बार विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्हें पार्टी का उप-सचेतक बनाया गया था और वे अपने बड़े भाई असदुद्दीन के सहायक बने थे।

बाद में जब असद सांसद बन गए, तो 2004 में उन्हें राज्य विधानसभा में पार्टी का मुख्‍य सचेतक बनाया गया। वे 2009 में फिर से चुने गए और अब राज्य विधानसभा में 7 सदस्यीय पार्टी का नेतृत्व करते हैं।

अदिलाबाद में नफरत फैलाने वाले भाषण देने को लेकर गिरफ्तार अकबरुद्दीन ओवैसी से जनवरी 2013 में पुलिस ने लगातार चार दिन पूछताछ की।

अकबरुद्दीन ओवैसी को देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में 8 जनवरी 2013 को गिरफ्तार किया गया था और 12 जनवरी को उन्हें 5 दिनों की पुलिस कस्टडी में सौंप दिया गया था।

जनवरी 2014 में अकबरुद्दीन ओवैसी ने आंध्रप्रदेश विधानसभा में तेलंगाना पर चर्चा के दौरान यह कहकर कि 'हैदराबाद के निजाम का शासन अच्छा था', सनसनी फैला दी।

ओवैसी दरअसल तेदेपा विधायक पी. केशव, मोटकुपल्ली नरसिंहलू व सीमांध्र क्षेत्र से आने वाले संसदीय कार्यमंत्री एस. शैलजानाथ की टिप्पणी से आहत थे। तेदेपा विधायक केशव ने बिल पर चर्चा के दौरान कह दिया था कि तेलंगाना आंदोलन, आंध्रप्रदेश के गठन के खिलाफ नहीं शुरू हुआ था। यह पूरा आंदोलन निजाम के निरंकुश शासन व स्थानीय जमींदारों की दादागीरी के विरुद्ध था।

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