कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सोमनहाल्ली माल्लाईह कृष्णा (एसएम कृष्णा) का जन्म 1 मई 1932 को मैसूर के मांड्या जिले के सोमनहाल्ली में हुआ।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा मैसूर से हुई। उन्होंने मैसूर के महाराज कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने शासकीय लॉ महाविद्यालय बेंगलुरु से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। 29 अप्रैल, 1964 को प्रेमा के साथ उनका विवाह हुआ।
कृष्णा, भारत से पढ़ने के बाद यूएस गए। वहां जाकर उन्होंने टेक्सास के साउथेन मॉडलिस्ट विश्वविद्यालय से स्नातक तथा वॉशिंगटन डीसी के वॉशिंगटन विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई की। कृष्णा इस विश्वविद्यालय के फुलब्राइट स्कॉलर रहे हैं।
अपनी विदेशी पढ़ाई खत्म कर वे भारत आ गए और कर्नाटक उच्च न्यायालय तथा दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी लॉ की प्रैक्टिस करने लगे। इसके कुछ दिनों बाद कृष्णा राजनीति में आए और कांग्रेस के सदस्य बन गए। 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें आधुनिक बेंगलुरु का जनक कहा जाता है। उन्होंने सरकारी-निजी साझेदारी का भी समर्थन किया।
1962 वे पहली बार मांड्या जिले से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए। कृष्णा ने 1968 से लगातार 4थी, 5वीं, 7वीं तथा 8वीं बार मांड्या लोकसभा सीट से जीतकर राज्य का प्रतिनिधित्व किया। वे इंदिरा गांधी के समय कैबिनेट मंत्री और राजीव गांधी के शासनकाल में उद्योग एवं वित्त मंत्रालय के राज्यमंत्री बने। 1996 तथा 2006 में वे राज्यसभा के सदस्य बने।
इससे पहले कृष्णा 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बने। 1999 में वे कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव जीता, जिसके बाद वे राज्य के मुख्यमंत्री बने।
कुछ सालों बाद वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। 5 मार्च 2008 को उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देकर वे कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय हो गए। 2009 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 22 मई 2009 को उन्हें अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया और उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी।
दिसंबर 2011 में रूस के साइबेरिया की एक अदालत द्वारा श्रीमद्भगवत गीता को 'उग्रवादी साहित्य' बताते हुए, इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी। बतौर विदेश मामलों के मंत्री एसएम कृष्णा ने लोकसभा में इस मामले की कड़ी भर्त्सना की थी। साथ ही कहा था कि सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और रूस सरकार के साथ इसे उच्च स्तर पर उठाया गया है।
26 अक्टूबर 2012 को वे अपने मंत्री पद से इस्तीफा देकर कर्नाटक राज्य की राजनीति में फिर से सक्रिय हो गए हैं। एसएम कृष्णा, मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल के एकमात्र ऐसे मंत्री हैं, जो मंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और 3 बार केंद्रीय मंत्री का पद संभाल चुके हैं। एसएम कृष्णा अच्छे टेनिस खिलाड़ी हैं और नियमित टेनिस खेलते रहे हैं।