डॉ.फारुक़ अब्दुल्ला का जन्म जम्मू-कश्मीर के सौरा में 21 अक्टूबर 1937 को हुआ था। पिता पेशे से डॉक्टर और जाने-माने राजनीतिज्ञ शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और माता अकबर जेहन बेगम थीं। प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर में हुई।
इसके बाद उन्होंने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। 14 सितंबर 1964 को इन्होंने ब्रिटिश मूल की नर्स मोल्ली से शादी कर ली। इनकी 3 पुत्रियां एवं 1 पुत्र उमर अब्दुल्ला हैं।
उमर अब्दुल्ला वर्तमान में जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉ. फारुक़ अब्दूल्ला के पास फिल्हाल नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय है। फारुक़ अब्दूल्ला के जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आने से वहां की राजनीति में बहुत बदलाव हुआ और वे 1981 में नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष चुन लिए गए। 8 सितंबर 1982 में उनके पिता की मृत्यु के बाद वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने।
1984 में राज्यपाल ने फारुक़ अब्दुल्ला सरकार को बर्खास्त कर दिया और राज्य में गुलाम मोहम्मद शाह के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थित सरकार बनी। 1986 में एक बार फिर कांग्रेस समर्थित सरकार को भी बर्खास्त किया गया तथा नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के साथ मिलकर अब्दुल्ला ने सरकार बनाई।
1987 में हुए चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने धोखाधड़ी के आरोपों की बीच चुनाव जीता। इसी अवधि में पाकिस्तन से प्रशिक्षित आतंकवादियों की वापसी के साथ, राज्य में आतंकवाद में बढ़ोतरी हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री की बेटी का अपरहण भी शामिल है।
इसके बाद अब्दुल्ला सरकार एक बार फिर बर्खास्त कर दी गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। 1996 में फारुक़ अब्दुल्ला ने एक बार फिर पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2002 में अब्दुल्ला पहली बार 6 वर्ष की अवधि के लिए जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा के लिए चुने गए। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की।
इसके बाद वे यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। अगस्त 2013 में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी बनाए गए। चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति व राजनेता के रूप में डॉ.अब्दुल्ला को 'डॉ. बी.सी. रॉय अवार्ड' से सम्मानित किया गया।
साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें डी. लिट् की उपाधि प्रदान की गई। उनकी मुख्य अभिरुचि देश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के लिए काम करना है। इसके अलावा फुर्सत के क्षणों में वे फोटोग्राफी करना और शास्त्रीय संगीत तथा ग़ज़लें सुनने का शौक रखते हैं। खेलों में अभिरुचि के साथ यात्राएं करना भी उनका शगल है। इसी के चलते वे दुनिया के अधिकांश देशों का भ्रमण कर चुके हैं।