दाऊद को लाने के लिए क्या 'प्रेस नोट' जरूरी है...
नई दिल्ली , शनिवार, 26 अप्रैल 2014 (18:25 IST)
नई दिल्ली। भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहीम के खिलाफ कार्रवाई के बजाय मीडिया में बयान देते रहते हैं। हालांकि कांग्रेस ने मोदी की आलोचना को खारिज कर दिया।
एक साक्षात्कार में मोदी ने सवाल किया कि क्या दाऊद इब्राहीम को भारत लाने के लिए प्रेस नोट जारी करना जरूरी है। गौरतलब है कि शिंदे ने कुछ महीने पहले मीडिया में बयान दिया था कि भारत दाऊद को पाकिस्तान से वापस लेकर आएगा।शिंदे के इस बयान पर मोदी ने कहा कि क्या ऐसी चीजें मीडिया के जरिए हासिल की जा सकती हैं? क्या इन चीजों का खुलासा अखबारों के जरिए करना चाहिए? क्या अमेरिका ने बिन लादेन से बात की थी? क्या अमेरिका ने बिन लादेन को मार गिराने की अपनी योजना का खुलासा करने के लिए संवाददाता सम्मेलन किया था?मोदी ने कहा कि सरकार ने किया क्या है? उनके पास न्यूनतम परिपक्वता भी नहीं है। मुझे शर्म आती है कि गृहमंत्री ने ऐसे बयान दिए।
शिंदे के बचाव में क्या बोले चिदंबरम...
गृहमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार दाऊद को वापस लाने के लिए अपने कमांडो पाकिस्तान नहीं भेज सकती। उन्होंने कहा कि क्या मोदी इससे बेहतर कोई सुझाव दे सकते हैं।
चिदंबरम ने कहा कि हम जानते हैं कि पाकिस्तान की सरकार ने उसे पनाह दे रखी है। जो यह कहते हैं कि हम पर्याप्त नहीं कर रहे, कृपया हमें बताएं कि सरकार इससे ज्यादा क्या कर सकती है। उसे वापस लाने के लिए क्या हमें आधा दर्जन ब्लैक कैट कमांडो भेजने होंगे? मोदी को बताना चाहिए कि हमें क्या करना चाहिए?
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि हम उसे गिरफ्तार कर सकते हैं तो हम ऐसा करेंगे... हम किसी गुप्त गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते। हम पाकिस्तान नहीं जा सकते।
साल 1993 के मुंबई सीरियल धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाने वाला दाऊद देश का सबसे वांछित आतंकवादी है। माना जाता है कि वह पाकिस्तान में रह रहा है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है। पाकिस्तान का सहयोग न मिलने के कारण उसे भारत वापस लाने की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकी हैं। (भाषा)