मोदी आए तो तीन सरकारें खतरे में...
नई दिल्ली , बुधवार, 23 अप्रैल 2014 (12:06 IST)
नई दिल्ली। अगर केन्द्र में राजग की सरकार बनती है या फिर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने में सफल हो जाते हैं तो जहां केन्द्र में परिवर्तन होना स्वाभाविक है ही, वहीं कुछ राज्यों में इस उलटफेर का असर जल्द ही देखने को मिलेगा।
मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही बिहार, झारखंड और उत्तराखंड की राज्य सरकारों के जीवन पर तलवार लटकना तय है। भाजपा दिल्ली में भी अपनी सरकार बनाना चाहेगी तो कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाजपा का असर दिखाई देने लगेगा। उल्लेखनीय है कि इन राज्यों में जहां गैर-भाजपा सरकारें हैं उन्हें बहुत जोखिमपूर्ण समर्थन हासिल है और वे अवसरवादी विधायकों के भरोसे पर हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी कहीं भी बदले की भावना से काम नहीं करेगी, लेकिन इतना तय है कि केन्द्र में मोदी की सरकार के बनते ही बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में जहां राज्य सरकारों की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी वहीं दिल्ली में भाजपा अपनी सरकार बनाने की कोशिश करेगी।
फिर चलेगा ऑपरेशन लोटस... पढ़ें अगले पेज पर....
सरकार और पार्टी के शीर्ष नेता ऐसा नहीं भी करें लेकिन उन पर क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का दबाव बढ़ता जाएगा। इसलिए इन राज्यों में जो विधायक अनिश्चय की स्थिति में अन्य दलों को समर्थन दे रहे हैं, रातोरात वे भाजपा के समर्थक बन जाएंगे। इन राज्यों में या तो सरकारें बदल जाएंगी अन्यथा यहां राज्यों में चुनाव हो सकते हैं और अगर चुनाव होते हैं तो इन राज्यों में भाजपा की सरकारें बनना भी स्वाभाविक परिवर्तन जान पड़ता है।
फिलहाल जो मोदी की लहर है वह लोकसभा चुनावों के बाद भी कुछ समय तक चलती रह सकती है और कुछ राज्यों में 'ऑपरेशन लोटस' चलाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस और अन्य दलों के विधायकों की मदद से भाजपा की सरकार बनाई थी। ऐसे ही लोटस लोकसभा चुनावों के बाद कई अन्य राज्यों में खिल सकते हैं।