नई दिल्ली। वाराणसी के राजनीतिक नेतृत्व को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस व आम आदमी पार्टी (आप) में जोर आजमाइश हो रही है, वहीं नरेन्द्र मोदी के मजबूत दावे को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के दो विश्वविद्यालयों के छात्र संगठन भी आमने-सामने आ गए हैं।दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र जहां वाराणसी में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी का विरोध करेंगे वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र उनके समर्थन में वाराणसी में सक्रिय होंगे। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन (जेएनयूएसयू) ने फैसला किया है कि उनके लोग वाराणसी में मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे वहीं दिल्ली की डेल्ही यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डीयूएसयू) ने फैसला किया है कि वाराणसी जाकर मोदी के पक्ष में धुआंधार धुंआधार प्रचार करेंगे।डेली मेल ऑन लाइन में प्रकाशित समाचार के अनुसार दोनों ही यूनिवर्सिटीज के छात्र वाराणसी में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। दोनों ही दल, स्थानीय बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के छात्रों के साथ मिलकर बैठकें कर रहे हैं। बीएचयू के अलावा, इस चुनाव प्रचार में अन्य डिग्री कॉलेजों के छात्र भी सक्रिय हैं। जेएनयू की टीम में 14 छात्र शामिल हैं जिनमें यूनियन के अध्यक्ष अकबर चौधरी, उपाध्यक्ष अनुभूति एग्नेस, और महासचिव संदीप सौरव शामिल हैं। ये सभी ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (एआईएसए) से जुड़े हैं जो कि माओवादियों की आवाज समझी जाती है और इन्हें इस बात पर गर्व है कि इनके बीएचयू और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी सहयोगी मौजूद हैं।
भाजपा के अलावा किसी को भी वोट दो... पढ़ें अगले पेज पर...
चौधरी का कहना है कि हम बीएचयू, काशी विद्यापीठ, यूपी कॉलेज, हरिश्चंद्र कॉलेज के छात्रों से मिल रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि वे उस प्रत्याशी को वोट दें जो भाजपा की विचारधारा के खिलाफ हो भले ही यह प्रत्याशी कांग्रेस, सपा या बसपा का हो।
वाराणसी में दिल्ली यूनिवर्सिटी की अधिक बड़ी टीम काम कर रही है। उनके दल में दो दर्जन से अधिक छात्र नेता हैं जो कि डीयू की छात्र यूनियन के अध्यक्ष अमन अवाना के नेतृत्व में सक्रिय हैं और ज्यादातर नेता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े हैं। डीयू टीम का एक हिस्सा भाजयुमो से भी है। बुधवार को डीयू टीम ने बीएचयू के लालबहादुर शास्त्री होस्टल, राजा राममोहन राय होस्टल और भगवान दास होस्टल में बैठकें कीं। मोदी के समर्थकों ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और यूपी कॉलेज में भी बैठकें कीं।
युवा वामपंथी अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटकों का सहारा ले रहे हैं। चौधरी की टीम यह नहीं कह रही है कि लोगों को किसे वोट देना चाहिए, जबकि वाराणसी में माकपा ने हीरालाल यादव को खड़ा किया और वामपंथी छात्रों का उन्हें समर्थन मिलना चाहिए था। लेकिन वे लोगों से कह रहे हैं कि आप मोदी को छोड़कर किसी को भी वोट दें। लेकिन वाराणसी में ये लोग आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं। दूसरी ओर, एबीवीपी के नेता स्थानीय छात्रों के साथ मोदी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को असफल बनाने में लगे हैं। दोनों की टीमें यहां मतदान के दिन 12 मई तक सक्रिय रहेंगी।