राहुल कर रहे हैं नुकसान की भरपाई-मोदी
नई दिल्ली , रविवार, 4 मई 2014 (10:11 IST)
नई दिल्ली। तीसरे मोर्चे को समर्थन देने से राहुल गांधी के इनकार के बाद भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह अहसास होने के बाद अपना सुर बदला है कि ऐसे विकल्प को समर्थन देने के बारे में उनकी पार्टी के कई नेताओं के बयानों ने इसकी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है।
लोकसभा चुनावों के लिए बचे दो चरणों के मतदान में भाजपा नीत सरकार बनाने के लिए वोट देने की अपील करते हुए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि कांग्रेस ने भावी सरकार को व्यवधान पहुंचाने की साजिश शुरू कर दी है क्योंकि उसे पता है कि वह लोकसभा चुनाव हार रही है।मोदी ने कहा कि उन्होंने सोचा कि अगर हम हारे तो हम तीसरे मोर्चे की मदद करेंगे। कांग्रेस के कई नेताओं ने ऐसे बयान दिए। जब उन्हें अहसास हुआ कि इससे उन्हें ही नुकसान हो गया तो राहुल भैया आज इसे बदलने की कोशिश करते दिखे। वह घबराए हुए हैं। उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका ताश के पत्तों का महल इस तरह धराशायी हो जाएगा।मोदी ने अपने 3 डी संबोधन में कहा कि आपको ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए। आपको चाहिए कि आप एक मजबूत सरकार के लिए जनादेश दें। लोकसभा में 300 कमल (भाजपा का प्रतीक) भेजें।
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लालू प्रसाद के साथ जाने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि आपने लालूजी को जेल से बाहर निकाला। मैं आपसे कहता हूं कि आप पूरे भारत की जेलों से ऐसे लोगों को निकाल लें और उनकी मदद से चुनाव लड़ें लेकिन फिर भी आप हारेंगे।
देश के पूर्वी हिस्से में समुचित विकास न होने का जिक्र करते हुए मोदी ने दावा किया कि वह बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उप्र जैसे राज्यों को पश्चिमी राज्यों जैसा बनाने के लिए काम करेंगे।
गंगा नदी में प्रदूषण के बारे में मोदी ने कहा कि सत्ता में आने पर वह इस पवित्र नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हर कोशिश करेंगे। उन्होंने संबंधित सरकारों पर भारी भरकम धन खर्च करने के बावजूद गंगा की सफाई के लिए कुछ न करने का आरोप लगाया।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की कुछ सीटों पर क्रमश: 7 और 12 मई को मतदान होगा। गंगा और उसकी सहायक नदियां पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में कृषि के लिए अहम हैं और पेयजल का भी स्रोत हैं।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्रियों की अध्यक्षता में समितियां बनीं लेकिन बैठक नहीं हुई। न धन का हिसाब है और न ही काम का कोई नतीजा। आप मुझे आशीर्वाद दें ताकि मेरी शक्ति और विवेक से मां गंगा को प्रदूषण मुक्त कर सकूं। (भाषा)