राहुल पर दिखने लगा है 500 करोड़ का असर
चार राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से लगता है कांग्रेस नेतृत्व ने सबक लिया है और राहुल की दरकती छवि को सुधारने के लिए जो 500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है, उसका असर भी धीरे-धीरे दिखने लगा है।सवाल ये है कि राहुल अचानक इतने मीडिया फ्रेंडली क्यों हो गए हैं? क्या ये 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार से लगा झटका है या कुछ और? ये राहुल की छवि सुधारने की ईमानदार कोशिश है या महज एक पीआर कसरत? जो राहुल 10 साल में कभी किसी को व्यक्तिगत साक्षात्कार देने के लिए राजी नहीं हुए वो अचानक इतने उदार क्यों हो गए? क्या ये सब पीआर कंपनी की सलाह पर हो रहा है...?आमतौर पर इंटरव्यू से बचने वाले राहुल गांधी ने पिछले दिनों दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू का टीवी चैनलों पर भी काफी प्रचार किया गया था। देशभर के मीडिया में यह इंटरव्यू काफी सुर्खियों में भी रहा था। अभी तक राहुल गांधी की छवि थी कि वे या तो दस्तावेज फाड़ देते हैं, या किसी और की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जाकर कब्जा कर लेते हैं या फिर मां और दादी के किस्से सुनाते हैं। ..लेकिन, कांग्रेस के नए विज्ञापनों में राहुल की छवि चमकाने पर ही ज्यादा जोर दिया जा रहा है।दूसरा इंटरव्यू राहुल गांधी ने टीवी चैनल टाइम्स नाऊ को दिया है। अर्णव गोस्वामी द्वारा लिया गया यह इंटरव्यू पहले से रिकॉर्ड किया हुआ है और इसका प्रसारण आज रात 9 बजे होने वाला है। इसका प्रमोशन भी काफी किया जा रहा है। गौरतलब है कि टाइम्स नाऊ चैनल टाइम्स ऑफ इंडिया समूह का ही टीवी चैनल है, जो कि बड़ा मीडिया समूह है। हालांकि राहुल ने अभी तक लाइव इंटरव्यू नहीं दिया है। इसके पीछे भी यही माना जा रहा है कि लाइव में चूंकि गड़बड़ी होने की गुंजाइश है, अत: वे इससे बच रहे हैं।
क्या लोकसभा चुनाव में मिलेगा फायदा... पढ़ें अगले पेज पर...
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की यह रणनीति कितनी कारगर होगी, यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। पीआर कंपनियों के माध्यम से सही, लेकिन यदि उनकी छवि सुधरती है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि उसका लाभ पार्टी को जरूरत मिलेगा। यदि 'राहुल कैंपेन' युवा वर्ग पर असर छोड़ने में सफल रहा तो कांग्रेस यूपीए-3 की उम्मीद भी कर सकती है। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी भी किसी को इंटरव्यू नहीं दे रहे हैं। सिर्फ सभाओं और रैलियों के माध्यम से ही वे अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
कौन कर रहा है राहुल का प्रमोशन : प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल की छवि सुधारने के लिए दो कंपनियों को विज्ञापन और पीआर का काम सौंपा है। जापान की विज्ञापन और पीआर कंपनी देंत्जू इंडिया कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लिए एक कैंपेन तैयार कर रही है। दूसरी ओर बर्सन-मार्शलर कंपनी सोशल मीडिया पर नरेन्द्र मोदी से मुकाबला करेगी। वह राहुल गांधी का ट्विटर और फेसबुक पेज संभालेगी।