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अप्रैल फूल डे के कुछ किस्से...

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हमें फॉलो करें अप्रैल फूल डे के कुछ किस्से...
1 अप्रैल को दोस्तों को मूर्ख बनाने के लिए सभी के दिमाग में कोई न कोई खुरापात चलती ही रहती है।

ऐसी ही मस्ती भरी शरारत की शिकार हुई आकांशा कहती है- पड़ोस में रहने वाली उनकी सहेली ने यह कहकर उसे बुद्धू बनाया कि मेरे भैया वैष्णोदेवी गए थे, जहां से वह यह प्रसाद लेकर आए हैं। आकांशा ने जब प्रसाद की पुडि़या खोली तो उसमें उन्हें आटा मिला। जिसे देखकर उन्हें याद आया कि आज एक अप्रैल है



आठवीं की क्लास की संगीता क्लास की मॉनीटर थी और टीचर के आने से पहले डस्टर से ब्लैक बोर्ड साफ करती थी। शारदा अमजद को अक्सर चिढ़ाया करती थी। अमजद ने एक दिन डस्टर में खुजली वाला पदार्थ लगा दिया मगर उस दिन शारदा ने नहीं हिन्दी के मैडम ने आकर ब्लैक बोर्ड साफ किया जिससे उनके हाथों में खुजली शुरू हो गई।

उनकी शिकायत पर प्राचार्य ने कहा कि शरारत करने वाला सामने आ जाए वरना पूरी कक्षा सस्पेंड हो जाएगी। किसी ने मुंह नहीं खोला।

अमजद ने पूरी कक्षा को सस्पेंड होने से बचाने के लिए प्राचार्य के सामने अपनी गलती स्वीकार ली। मगर आग्रह किया कि उनके पापा को न बताया जाए।


पीयूष कहते हैं- उन्होंने अपने मित्र रजनीश की नई शर्ट के पृष्ठ भाग पर लाल स्केच पेन से 'किक मी' लिख दिया। वही शर्ट पहनकर रजनीश कॉलेज चला गया, जहां दोस्तों ने उसका खूब मजाक उड़ाया और कुछ ने तो दो-चार मुक्के भी जड़ दिए।

हक्का-बक्का रजनीश घर लौटा और पीयूष की जम के धुलाई कर दी। तब से दोनों ने अपने मकान अलग कर लिए। बाद में रजनीश को पछतावा हुआ कि एक साधारण से मजाक को वह सह नहीं पाया।


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