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कहाँ से मिली माँ कंगारू को थैली

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हमेशा से माँ कंगारू के पास बच्चे को रखने के लिए थैली नहीं थी। पर यह उसकी दयालुता का इनाम है। आओ जानें कैसे-

कंगा बेटे कहाँ हो? मम्मी कंगारू ने अपने बेटे कंगा को ढूँढते हुए कहा। कब से झाड़ियों में ढूँढते हुए कंगा की मम्मी परेशान हो गई। तभी कंगा कहीं से निकलकर आया। माँ ने बेटे को समझाया कि बार-बार इधर-उधर मत जाया करो। इससे तुम मुसीबत में भी पड़ सकते हो। कंगा- माँ मैं यहाँ बैठे-बैठे बोर हो जाता हूँ तो थोड़ा घूमने निकल जाता हूँ। कंगा शरारती था और नटखट भी। और इसलिए माँ को चिंता होती थी कि कहीं वह किसी मुसीबत में न पड़ जाए।

माँ ने समझाया- बेटा अगर तुम मेरे पास रहोगे तो कोई भी मुसीबत आने पर मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूँ, पर अगर तुम अकेले मुसीबत में पड़ गए तो तुम्हें कौन बचाएगा। कंगा ने बात अनसुनी की और खेलने लगा।

माँ अपने काम में लगी और थोड़ी ही देर में कंगा फिर कहीं निकल गया। माँ को चिंता हुई तो वह उसे ढूँढने निकली। थोड़ी दूर जाने पर ही माँ कंगारू को एक जगह झाड़िया हिलती हुई दिखीं। माँ को राहत हुई कि आखिर उसने कंगा को ढूँढ निकाला। यह बच्चा किसी दिन जरूर मुसीबत खड़ी करेगा। माँ ने झाड़ियों के पीछे कूदकर छिपे हुए को पकड़ा तो यह कोई और ही निकला। यह वॉम्बेट था (वॉम्बेट आस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक जीव है।) माँ कुछ कहती इसके पहले ही वॉम्बेट कहने लगा। तुम बड़े जानवर हम छोटेजीवों के बारे में बिलकुल नहीं सोचते हो।

देखो तुम्हारे कारण मुझे चोट लग गई। माँ कंगारू को बड़ा दुःख हुआ कि उसने जिसे कंगा समझा वह कोई और निकला और उसे कुछ चोट भी पहुँची। माँ ने वॉम्बेट से माफी माँगी। माँ ने पूछा, तुम बताओ मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूँ। वॉम्बेट बोला- अब मुझे चोट लग गई है इसलिए मैं अपने लिए खाना नहीं ढूँढ पाऊँगा। तुम मेरे लिए कुछ ताजी घास ढूँढ दो ताकि मैं पेट भर सकूँ। पर क्या पहले मैं अपने बेटे को ढूँढ लूँ- माँ ने पूछा। वॉम्बेट बोला- तुम मुझे मूर्ख बनाना चाहती हो। माँ कंगारू बोली, तो तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ। इस तरह वॉम्बेट माँ कंगारू की पीठ पर सवार हो गया।

थोड़ी ही देर में कंगा कहीं से आया और माँ कंगारू की पीठ पर कूदा। वॉम्बेट को इससे फिर चोट लगी। वह बोला तुम्हारा बेटा तो बिलकुल ही मूर्ख है। माँ ने बेटे के लिए माफी माँगी। वॉम्बेट ने कहा- मुझे प्यास लगी है मेरे लिए पानी लाओ। माँ कंगारू पानी लेने जा रही थी तभी उसने देखा कि कुछ शिकारी उस तरफ आ रहे हैं। यह देखकर माँ ने बेटे कंगा को साथ लिया और झाड़ी के पीछे छिप गई। उसने वॉम्बेट को भी एक गड्ढ़े में छिपने को कहा। कंगा शिकारियों के आने की बात सुनकर डर गया। थोड़ी देर में जब शिकारी चले गए तो माँ कंगारू ने फिर से वॉम्बेट को उस गड्ढ़े में आवाज दी ताकि उसके भोजन की व्यवस्था कर सके पर वॉम्बेट वहाँ नहीं था।

माँ कंगारू ने बहुत ढूँढा पर वॉम्बेट नहीं मिला। माँ कंगारू दुःखी हुई कि उसकी वजह से किसी को परेशानी हुई। तभी भविष्यवाणी हुई- माँ कंगारू, मैं जंगल देवता बोल रहा हूँ। मैं आज वॉम्बेट बनकर जंगल में घूमने निकला था। तभी तुम मुझसे टकरा गई। तुमने अपने बेटे की फिक्र के बीच भी मेरा ध्यान रखा और मेरी चिंता की। तुम दयालु हो। पर तुम्हें अपने बेटे की बहुत चिंता रहती है जाओ आज से तुम अपने बेटे को अपने साथ रख पाओगी और तुम्हें उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। तबसे कंगारू के पास अपने बच्चे को रखने की थैली आ गई, जिसमें माँ कंगारू के साथ नन्हे कंगा सुरक्षित रहते हैं।

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