प्राचीन ग्रीकवासी केक तैयार करके उसे देवी आर्टेमिस के सामने रखते थे। देवी को खुश करने के लिए वे केक पर मोमबत्तियाँ लगाते थे ताकि केक चंद्रमा जैसा चमकदार लगे। जर्मनी के लोग मोमबत्तियाँ बनाने में माहिर होते थे और उन्होंने छोटी-छोटी मोमबत्तियाँ बनाना शुरू कर दिया ताकि केक और भी ज्यादा सुंदर लगे। जर्मनी में ही कुछ लोग केक के आसपास छोटी और बीच में एक बड़ी मोमबत्ती लगाने लगे।
इस तरह केक 'प्रकाश-चक्र' की तरह लगने लगता था।
दुनिया के कुछ हिस्सों में केक पर मोमबत्तियाँ धार्मिक विश्वासों के कारण भी लगाई जाती हैं। केक पर लगी मोमबत्तियाँ बुझाने के बारे में भी मजेदार बात जुड़ी है। यह माना जाता है कि जब केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाया जाता है तो जो धुआँ उठता है वह हमारी इच्छाओं को आसमान तक ले जाता है। इसलिए केक पर लगी मोमबत्तियाँ बुझाने से पहले सभी कुछ न कुछ प्रार्थना करते हैं। एक ही फूँक में सारी मोमबत्तियाँ बुझाने वाले को लोग खुशकिस्मत भी मानते हैं।