भारत में गुलमोहर का इतिहास काफी वर्ष पुराना है। इसका संस्कृत नाम 'राज-आभरण' है, जिसका अर्थ राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष है।
श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का श्रृंगार गुलमोहर के फूलों से किया जाता है। इसलिए संस्कृत में इसे 'कृष्ण चूड' भी कहते हैं।
भारत के अलावा यूरोप, नाइजीरिया, श्री लंका, ऑस्ट्रेलिया तथा अमेरिका में फ्लोरिडा व ब्राजील में खूब पाया जाता है। यहां तक कि मियामी में तो इसे इतना पसंद किया जाता है कि यहां के लोग अपना वार्षिक पर्व भी तभी मनाना पसंद करते है, जब गुलमोहर के पेड़ में फूल आते हैं।