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छरहरी काया है जीन का कमाल

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, गुरुवार, 1 मई 2008 (12:26 IST)
कुछ लोग खूब आलू के समोसे और पिज्जा-बर्गर खाने के बावजूद मोटे नहीं होते जबकि कुछ अपने खानपान का ध्यान न रखें तो उनकी चर्बी सारी कहानी बयाँ कर देती है। मोटापा घटाने के लिए कुछ लोग लगातार जिम में पसीना बहाते हैं जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी सेहत पर जंक फूड भी असर नहीं कर पाते।

तेल अवीव यूनिवर्सिटी द्वारा की गई नई खोज बताती है कि आपकी काया माता-पिता से मिले जीन्स पर निर्भर करती है। यूनिवर्सिटी के प्रो. ग्रेगॅरी लिवशिट्स और लंदन के किंग्स कॉलेज के उनके साथियों ने छरहरी काया का संबंध पैतृक जींस से होने की खोज का दावा किया है। वे कहते हैं कि जिस तरह आँखों की पुतली का रंग और मुस्कराहट माता-पिता से मिलती है उसी तरह छरहरी काया भी पैतृक गुण है।

प्रो. लिवशिट्स कहते हैं कि हालाँकि महिलाएँ खूब व्यायाम करके मोटापे से मुक्तिपा सकती हैं पर उम्र बढ़ने के साथ ही मोटापे से मुक्ति पाना मुश्किल होता जाता है। मोटापे को लेकर प्रो. लिवशिट्स गहन अध्ययन भी करना चाहते हैं।

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