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झंडे की शुरुआत

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सभी देशों के अपने झंडे होते हैं, जिन पर उनका प्रतीक चिन्ह बना होता है। इन प्रतीक चिन्हों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि यह कौनसा देश है।

विश्व में सबसे पहले डेनमार्क ने 1219 और स्विट्जरलैंड ने 1339 में झंडे लगाने की परंपरा डाली। अब तो लगभग सभी देशों ने। पहले के समय में लकड़ी के झंडों पर विभिन्न आकृतियाँ बना ली जाती थीं, इन्हें ही झंडों के रूप में उपयोग किया जाता था।

कपड़े के झंडे की शुरुआत रोम में हुई। इतिहाकारों का विश्वास है कि झंडे की शुरुआत सबसे पहले सेना ने की। सैनिकों को इकट्ठा करने के लिए एक जगह पर झंडे को गाड़ दिया जाता था और इस झंडे पर कपड़ा बाँध दिया जाता था, जिसे दूर से लहराता देखकर सैनिक उस जगह इकट्ठा हो जाते थे।
  विश्व में सबसे पहले डेनमार्क ने 1219 और स्विट्जरलैंड ने 1339 में झंडे लगाने की परंपरा डाली। अब तो लगभग सभी देशों ने। पहले के समय में लकड़ी के झंडों पर विभिन्न आकृतियाँ बना ली जाती थीं, इन्हें ही झंडों के रूप में उपयोग किया जाता था।      


बाइबिल में भी उल्लेख किया गया है कि यहूदी अपने झंडे रखते थे। मध्यकाल में इनका उपयोग और अधिक बढ़ गया। हमारे देश भारत के राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंग हैं, केसरिया, सफेद और हरा। बीच में पट्टी में अशोक चक्र बना है।

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