क्यों, कब और कैसे मनाई जाती है दीपावली ?
1. दीपावली ( Diwali Festival of Lights) के दिन भगवान श्रीराम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। इतने सालों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपों का त्योहार दीपावली मनाया जाने लगा। दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है।
2. यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।
3. यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों की लिपाई-पुताई, सजावट प्रारंभ हो जाती है। घर, दुकानें और बाजार की सजावट देखते ही बनती है।
4. इन दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनवाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं।
5. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है इसलिए उनके आगमन और स्वागत के लिए घरों को सजाया जाता है।
6. यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार चलता है। धनतेरस के दिन व्यापार अपने नए बहीखाते बनाते हैं।
7. अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है।
8. अमावस्या यानी कि दिवाली का मुख्य दिन, इस दिन लक्ष्मीजी की पूजा करके खील-बताशे का नैवेद्य चढ़ाया जाता है। घर के सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। पटाखे छोड़े जाते हैं। बच्चों को पटाखे सावधानीपूर्वक छोड़ने चाहिए।
9. लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेद भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं। एक-दूसरे के गले लगकर भेंट देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
10. दीपावली के दिन कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं, जो घर व समाज के लिए बड़ी बुरी बात है। अत: हमें इस बुराई से बचना चाहिए।
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