प्रतिवर्ष भारत में 15 सितंबर को इंजीनियर डे (Engineers Day) मनाया जाता है। इस दिन को महान इंजीनियर मोक्षकुंडम विश्वश्वैरिया को समर्पित किया गया है और उन्हीं की याद में इस दिन को इंजीनियर दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
भारत इंजीनियरिंग व आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है। इंजीनियरिंग एक विस्तृत क्षेत्र है और अब तो भारत में कई विषयों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाती है। इंजीनियर्स डे मनाने का उद्देश्य है भारत में विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करना। इंजीनियर देश को समृद्ध और विकसित बनाने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सर एम. विश्वेश्वरैया एक बेहतरीन इंजीनियर थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों जैसे नदियों के बांध, ब्रिज और पीने के पानी की स्कीम आदि को कामयाब बनाने में अविस्मरणीय योगदान दिया है। वे ईमानदारी, त्याग, मेहनत इत्यादि जैसे सद्गुणों से संपन्न थे। विश्वेश्वरैया को भारत की प्रौद्योगिकी का जनक कहा जाता है। उनका कहना था, कार्य जो भी हो लेकिन वह इस ढंग से किया गया हो कि वह दूसरों के कार्य से श्रेष्ठ हो।
विश्वेश्वरैया ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उन्हें कितनी कठिन परिस्थितियों सो गुजरना पड़ा परंतु वह कभी निराश नहीं हुए। अपनी आत्मकथा में उन सिद्धांतों पर प्रकाश डाला है, जिनका अनुपालन कर वे प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके। इस पुस्तक का नाम है 'मेमॉयर्स ऑफ माई वर्किंग लाइफ।'
इस पुस्तक में वे लिखते हैं- 'मैंने चार सिद्धांतों को आदि से अंत तक अपनाए रखा। जो मेरी ही तरह सफल और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना चाहते है, उन्हें उन सिद्धांतों का स्मरण दिलाना चाहता हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि मेरी ही तरह अन्य लोग भी उसे अपनाने का प्रयास करें।
1. निर्धारित कार्यों का समय नियत करो। समय पर काम करने की आदत डालने से काम अधिक भी होता है और अच्छा भी। इसलिए सबसे जरूरी है काम को निश्चित समय पर पूरा करना। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो काम की अवधि बढ़ती रहेगी और अंततः काम पूरा नहीं होगा।
2. लगन से काम करो। मेहनत से जी न चुराओ। आराम कड़ी मेहनत के उपरांत ही अच्छा लगता है। अंग्रेजों ने समझा था अनपढ़, ट्रेन में बैठे बता दिया था पटरी टूटी है।
3. यह सोचते रहो कि आज की अपेक्षा कल किस तरह अधिक अच्छा काम हो सकता है। जो सीख चुके हो, उससे अधिक सीखने का प्रयत्न करो। सोचो, योजना बनाओ, गुण-दोषों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के उपरांत काम में हाथ डालो।
4. अहंकारी न बनो। अपना स्वभाव नम्र बनाओ तथा साथियों के साथ मिलजुल कर काम करने की आदत डालो।
आज भारत या अन्य देश विकास के दम पर अव्वल साबित हो रहे हैं। तकनीक किसी भी रूप में विकसित हो रही है पर देश आगे बढ़ रहा है।
उनके इन्हीं सिद्धांतों ने उन्हें सफल बनाया, अत: मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की याद में ही भारत में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। भारत रत्न मोक्षगुंडम द्वारा भारत के विकास में जो योगदान दिया गया उससे भारत की छवि बदल गई, अन्यथा आज भारत ताकतवर देशों की सूची में नहीं होता बल्कि संघर्ष कर रहा होता। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का विशेष योगदान है। उनकी याद में ही सन् 1968 में भारत सरकार ने सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती को 'इंजीनियर्स डे' के रूप में घोषित किया था।