20 जुलाई का दिन मानव सभ्यता के विकास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्योंकि इसी दिन 1969 में मनुष्य ने अपनी पहुंच पृथ्वी के बाहर तक पहुंचाई थी। इस दिन मनुष्य ने चन्द्रमा पर पहला कदम रखा था और ऐसा करने वाले व्यक्ति थे 'नील आर्म स्ट्रांग'। इस उपलब्धि को याद रखने के लिए इस दिन को प्रतिवर्ष 'International Moon Day' के रूप में मनाया जाता है।
यह अभियान अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के तत्वावधान में हुआ था। नील और उनके साथी 'बज एल्ड्रिन' अपोलो 11 अंतरिक्षयान से चन्द्रमा की सतह पर पहुंचे थे। नील ने वहां चन्द्रमा की उबड़-खाबड़ सतह पर लगभग 2.5 घंटे की स्पेस वॉक भी की थी। नील यान से उस सतह पर पैर रखने वाले प्रथम व्यक्ति थे। वह अपने साथ अमेरिका का राष्ट्रीय ध्वज और एक प्लेकार्ड ले गए थे। उनके प्लेकार्ड पर लिखा था "चांद पर इस जगह पर, धरती से आए इंसान ने पहली बार कदम रखा, जुलाई 1969 ईस्वी। हम सारी मानव जाति की शांति के लिए आए हैं।"
इस मशीन ने जितनी उपलब्धि प्राप्त की उतना ही इसमें व्यय भी हुआ था। इस अभियान में मिशन कंट्रोलर से लेकर एक वैज्ञानिक, कुल मिलाकर 4 लाख लोगों ने अपना योगदान दिया था। इस मिशन के लिए दोनों अंतरिक्षयात्रियों ने 16 जुलाई को पृथ्वी से अपने यान में उड़ान भरी थी और 20 जुलाई को वह चांद की सतह पर लैंड किए थे।
कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका का यह मिशन फर्जी था और यह पूरा एक स्टूडियो में किया गया था। वह इसके लिए अनेक तर्कों का भी प्रयोग करते हैं, जिसमें झंडे के उड़ने से लेकर पत्थरों की पोजीशन तक पर प्रश्न उठाए जाते रहे हैं।