आज दुनियाभर के हास्य प्रिय और मजाकिया लोगों का दिन 'अप्रैल फूल डे' है। मजाकिया किस्म के लोग आए दिन अपने दोस्तों-परिचितों के साथ मजाक करके उन्हें बेवकूफ बनाते हैं।
एक अप्रैल का दिन तो और खास है इस दिन मजाकिया स्वभाव का आदमी ही नहीं हर व्यक्ति छोटे-मोटे मजाक करने से नहीं चूकता। कुछ क्षणों की बेवकूफियों का उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं, बल्कि हंसना-हंसाना होता है। इस दिन जो बेवकूफ बन जाता है उसे 'अप्रैल फूल' कहकर चिढ़ाते हैं।
'अप्रैल फूल बनाया, तो उनको गुस्सा आया, इसमें मेरा क्या कसूर,
जमाने का कसूर जिसने ये दस्तूर बनाया'
'अप्रैल फूल' फिल्म के गाने की यह पंक्तियां 1 अप्रैल यानी मूर्ख दिवस के दिन सभी के जेहन में जरूर आती हैं और अपने यार-दोस्तों को मूर्ख बनाने के बाद लोग इन्हें गुनगुनाते भी हैं।
इस दिन लोग बिना किसी आचार संहिता के एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के लिए दिल खोलकर झूठ बोलकर, ऊट-पटांग बातें कहकर, झूठे आरोप लगाकर, गलत सूचनाएं आदि देकर मूर्ख बनाने के कई सारे फंडे अपनाने की कोशिश में लगे रहते हैं।
हर किसी का मकसद यही कि किसी तरह परिवार या दोस्तों को मूर्ख दिवस की टोपी पहनाई जा सके और निश्छल हंसी-मजाक का आनंद उठा सकें और दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेर सकें।