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जनरल नॉलेज : जानिए काराकोरम पर्वतमाला के बारे में

दुनिया की छत यानी काराकोरम पर्वतमाला

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काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान के गिलगित-बल्तिस्तान, भारत में लद्दाख और चीन के झिंजियांग क्षेत्रों तक फैला हुआ है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है

काराकोरम किर्गिज भाषा का शब्द है जिसका मतलब है काली भुरभुरी मिट्टी। इसे 'दुनिया की छत' भी कहा जाता है। विषम तापमान और विखंडित चट्टानें इस पर्वतमाला की विशेषता है।

विश्व के किसी भी स्थान के मुकाबले काराकोरम पर्वतमाला में 5 मील से भी ऊंची लगभग 60 चोटियां स्थित हैं जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची चोटी के-2 भी शामिल है। के-2 की ऊंचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट से सिर्फ 237 मीटर कम है।

काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी तक फैला हुआ है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं।

काराकोरम पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिण-पश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती है।

काराकोरम पर्वत श्रृंखला की ऊंची चोटियां
के-2- 8611
गशरब्रम-1- 8068
ब्रॉडपीक- 8047
दिस्ताघिल सार- 7885
कुन्यांग छीश- 7852
मशेरब्रम-1- 7821
बटुरा- 7795
राकापोशी- 7788
साल्तोरो कांगरी- 7742
चोगोलिसा- 7665
बैंठा ब्राक- 7265
मुज्ताघ टॉवर- 7263

*ऊंचाई मीटर में

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