चंडीगढ़ से लगभग 45 किमी दूर पंचकुला जिले में स्थित मोरनी पहाड़ियां हरियाणा का एक पर्वतीय पर्यटक स्थल है। ऐसा माना जाता है कि इस क्षेत्र पर पुराने जमाने में किसी शासक की महारानी थी, जिसका नाम मोरनी था। उसी के नाम पर इस पहाड़ी का नाम रखा गया है। मनोरंजन की खोज में निकले पर्यटकों के लिए यहा चीड़ के पेड़ों का झुरमुट आकर्षण का केंद्र है।
समुद्र सतह से तीन हजार फुट ऊंचाई पर स्थित इस पर्वतीय स्थल पर दो झीलें और एक घग्घर नदी है। यहां की झीलों की एक विशेषता यह है कि ये झीलें वैसे तो आपस में जुड़ी हैं, लेकिन एक पहाड़ी से दो झीलों के रूप में बंटी हुई है। बड़ी झील 500 मीटर लंबी और 460 मीटर चौड़ी है, जबकि छोटी झील 365 मीटर लंबी और 365 मीटर चौड़ी है।
यहां के स्थानीय निवासी इन झीलों को बहुत पवित्र मानते हैं तथा वर्ष के शुभ दिनों में यहां एकत्र होते हैं। झील के किनारे 12वीं सदी में निर्मित एक प्रसिद्ध मंदिर भी है। मोरनी पहाड़ी वन्य प्राणी अभयारण्य एवं पक्षी निहारने वालों के लिए विशेष रूप से आकर्षक है। यहां एक पुराना किला है। मोर नी पडाड़ी में पर्यटक ट्रेकिंग का भी मजा ले सकते हैं।