कुछ कर गुजरने का जज्बा हो मन में तो सब कुछ संभव है। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का युगल खिताब जीतकर भारत के मशहूर और सफल टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिखाया है। लिएंडर पेस टेनिस जगत में भारत के वह चमकता सितारा है जिसने इस खेल के प्रति अपनी मेहनत, लगन और जुनून से एक खास मुकाम हासिल किया।
भारत के इस श्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी का जन्म कोलकाता में 17 जून, 1973 को हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही खेल जगत से संबंधित रहे हैं। उनके पिता वेस पेस अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी थे और उनकी मां जेनिफर पेस एक बास्केटबॉल खिलाड़ी रहीं। लिएंडर का रूझान बचपन में फुटबॉल की तरफ था, लेकिन पिता के कहने पर लिएंडर ने टेनिस खेलना शुरू किया और खेलते-खेलते उनकी दिलचस्पी इस खेल के प्रति बढ़ती गई। उनके पिता की यह सलाह उनके लिए भाग्यशाली साबित हुई जिस के बल पर लिएंडर पेस ने टेनिस जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
पेस ने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलकाता के ला मार्टिनीयर स्कूल से की। सेंट जेवियर कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई करने के बाद 1985 में पेस ने मद्रास के ब्रिटानिया अमृतराज टेनिस अकादमी में दाखिला लिया। कोच देव ओमेरिया के मार्गदर्शन में पेस ने अपनी टेनिस प्रतिभा को निखारा।
टेनिस में अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत के पहले ही पेस ने खुद को एक होनहार खिलाड़ी साबित कर दिया था। उन्होंने जूनियर यूएस ओपन और जूनियर विम्बलडन का खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और जूनियर रैंकिंग में नं. वन का दर्जा हासिल किया। इन शानदार कामयाबी के बाद पेस ने टेनिस को अपना प्रोफेशन बनाने का निर्णय लिया और 1991 में एक प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी के रूप में सामने आए। पेस की खेल प्रतिभा सिंगल से ज्यादा हुगल मुकाबलों में उभर कर सामने आईं। अब तक पेस युगल और मिश्रित युगल मुकाबलों में कई कीर्तिमान रच चुके हैं। उन्होंने टेनिस के कई युगल खिताबों में जीत दर्ज कर भारत के गौरव को बढ़ाया है।
पेस 1996 में एटलांटा ओलम्पिक्स में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलम्पिक पदक जीतने वाले वे दूसरे खिलाड़ी बन गए। इस जीत के बाद लिएंडर पेस की महेश भूपति के साथ जोड़ी के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ाया। पेस-भूपति की जोड़ी भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई। पेस-भूपति ने साथ मिलकर भारत और भारत के बाहर कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत हासिल की।
लिएंडर पेस को टेनिस में अपने योगदान के लिए 1996 में भारत के गौरवपूर्ण राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और 2001 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया।
पेस भारत के सफल टेनिस प्लेयर्स में से एक हैं और टेनिस में अपने इस योगदान के कारण वे टेनिस टीम की कप्तानी की बागडोर भी संभाल चुके हैं। टेनिस जगत में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ये भारतीय सितारे आज अनेक टेनिस प्रेमी युवाओं का आदर्श बन गए हैं, जिसके जोश और जुनून से युवाओं को प्रेरणा मिलती है।