स्नूकर में भारत का नाम रोशन करने वाले देश में कुछ बेहद अच्छे खिलाड़ी हैं। उनमें से एक हैं आदित्य मेहता। पिछले रविवार को दोहा में संपन्न हुई स्नूकर चैंपियनशिप में आदित्य ने अपने ही देश के पंकज आडवाणी को हराकर यह खिताब जीता था। यह उपलब्धि हासिल करने वाले आदित्य तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
हाल ही में आदित्य ने अपने करियर की उच्चतम रैकिंग (82) हासिल की। कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें सफलता मिली। एशियन स्नूकर चैंपियनशिप में भारत ने पिछले आठ साल से कोई खिताब नहीं जीता था और आदित्य भी तीन बार यहां खिताब के करीब आकर उसे जीतने से रह गए, लेकिन इस बार उन्होंने अपना सपना पूरा कर ही लिया।
31 अक्टूबर 1985 को महाराष्ट्र में जन्में आदित्य की कम उम्र में ही के स्नूकर खेलना शुरू कर दिया। कठिन परिश्रम और एकाग्रता से उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार किया और आखिर एशियन स्नूकर चैंपियनशिप अपने नाम की।
एशियन स्नूकर चैंपियनशिप में गत आठ वर्ष के सूखे से भारत को उबारने वाले आदित्य मेहता का कहना है कि इस खिताब की वजह से वह अब इतिहास का हिस्सा बन गए हैं।
आदित्य ने कहा कि मैं अब पूरी तरह संतुष्ट हूं कि अब यह खिताब मेरे नाम हो चुका है। उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे यह विश्वास नहीं हो पा रहा कि मैंने यह खिताब हासिल कर लिया है। गत चार वर्षों में इस चैंपियनशिप में तीन बार फाइनल में पहुंच चुका हूं। मैंने इस खिताब को जीतने के लिए काफी लंबा इंतजार किया है। हर उपलब्धि एक नई शुरुआत होती है। करीब 12 घंटे तक चले खेल में आदित्य के मुकाबले पंकज ने एक समय 3-2 की बढ़त बना ली और फिर 7-5 से जीत दर्ज करने में सफल रहे।
उन्होंने कहा कि खेल इतना मजेदार हो चुका था कि हम दोनों को मालूम ही नहीं चला कि इतनी देर तक खेलते रहे। आदित्य ने कहा कि मैं फाइनल से पहले थोड़ा दबाव में था। मैंने और पंकज ने गत दो वर्षों में इतनी बार एक-दूसरे का सामना किया है कि हमें एक-दूसरे की कमजोरी और खूबी का पता लग गया है। पंकज अपने विपक्षी को ज्यादा मौका नहीं देते।