चुनौतियों से निखरती आर्थिक राहें
- सुमेधा
कंपनी सेक्रेटरी एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें इसके सदस्यों को पहले दिन से ही सीधे बोर्डरूम में दाखिल होने का मौका मिलता है। सीएस का बोर्ड की प्रक्रिया में सीधे चेरयमैन, सीईओ, मैनेजिंग डायरेक्टर, डायरेक्टर और कंपनी के उच्च दर्जे के मैनेजरों से सामना होता है। 1950
से जब से भारत में यह प्रोफेशन स्थापित हुआ है, तब से सीएस की भूमिका में व्यापक बदलाव आ चुका है और अब उनके लिए कहीं ज्यादा मौके मिलने लगे हैं। आप खुद भी अभ्यास कर सकते हैं। कंपनी एक्ट 1956 के तहत जो कंपनियाँ करोड़ रुपए या इससे अधिक की पूँजी के शेयर रखती हैं, उनको आईसीएसआई के साथ पंजीकृत होने के साथ ही एक फुलटाइम सीएस रखना अनिवार्य है। इस तरह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज की सूची में शामिल होती है। हर ऐसी कंपनी जिसके 10 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपए के पेड शेयर हों, उसको भी एक फुल टाइम सीएस प्रैक्टिस के लिए रखना होता है। वह कंप्लाइंस सर्टिफिकेट जारी करता है। आईसीएसआई सदस्यता के लिए एक उच्च स्तर के पद की नियुक्ति और वह केंद्र सरकार की सर्विस के तहत मान्य होनी चाहिए। लिस्टिंग एग्रीमेंट के अनुसार प्रशिक्षु कंपनी सेक्रेटरी को कॉर्पोरेट कंप्लाइंस सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया उनके कार्य को प्रमाणित करता है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद कंपनी सेक्रेटरी, कंपनी लॉ बोर्ड, सिक्योरिटीज एपिलेट ट्रिब्यूनल, कंपिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया, टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड एपिलेट ट्रिब्यूनल, कंज्यूमर फोरम और टैक्स ट्रिब्यूनल आदि के साथ प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। कोर्स से जुड़ी जानकारीकंपनी सेक्रेटरी किसी भी कंपनी के कानूनी एवं रेगुलेट्री शिकायतों को देखते हैं। इसके अलावा कंपनी बोर्ड के संचालित मुद्दों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश तैयार करते हैं। इनको तैयार करने के लिए शेयर होल्डर्स के साथ मीटिंग, डायरेक्टर के साथ मीटिंग, स्टॉक एक्सचेंज और रेगुलेटर्स के साथ तालमेल बैठाना शामिल है। कंपनी की रिक्तियां और ग्लोबल गवर्नेस प्रैक्टिस व बोर्ड को अपग्रेड करने की सलाह भी सीएस के जरिए ही दी जाती है। साथ ही ये कंप्लेक्स मर्जर और क्रॉस बॉर्डर टेकओवर, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स व आर्बिट्रेशन मामले देखते हैं। वेतन एक नए सीएस को 5-6 लाख रुपए प्रतिवर्ष वेतन दिया जाता है। बड़े कॉर्पोरेट घराने एवं एमएनसी कंपनियों में चार से पाँच साल के अनुभव के बाद सीएस 25 लाख रुपए सालाना पैकेज पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य तमाम तरह की सुविधाएँ मिलती हैं। कोर्स द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया आईसीएसआई देश में सीएम का पाठ्यक्रम संचालित करवाते हैं। 10+2 की परीक्षा कॉमर्स अथवा फाइन आर्ट्स भी मान्य में उत्तीर्ण छात्र डिस्टेंस मोड के जरिए सीएस के तीन स्तरीय चरण जैसे फंडामेंटल्स आठ माह एग्जीक्यूटिव व प्रोफेशनल्स में नामांकन करा सकते हैं। फाइन आर्ट्स सहित अन्य किसी संकाय में ग्रेजुएट को अंतिम दो लेवल के कोर्स की आवश्यकता पड़ती है। एग्जीक्यूटिव व प्रोफेशनल्स कोर्स के बाद छात्र को किसी कंपनी के सीएस के साथ 16 माह की ट्रेनिंग करनी आवश्यक है। प्रोफेशनल कोर्स एवं ट्रेनिंग के पश्चात आप आईसीएसआई के प्रशासनिक सदस्य हो सकते हैं।