सफेद कुर्ता पजामा और चमड़े की चप्पल पहनना बाहर से जितना आसान दिखाई देता है उतना ही अंदर से यह कठिन है। लेकिन युवा वर्ग का राजनीति में बढ़ता रुझान इस बात का संकेत है कि वह देश की बागड़ोर अपने हाथ में लेने के लिए कितना उत्सुक है।
आज अनेक युवा नेता राजनीतिक घरानों से आ रहे हैं लेकिन आम युवा छात्र राजनीति से अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं। छात्र जीवन में राजनीति विद्यालय, विश्वविद्यालय, युवा छात्र संगठन, युवा संगठन तक बढ़कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचती है।
आज अनेक ऐसे दिग्गज नेता हैं जिन्होंने यह सफर तय करके राजनीति में अपना मजबूत आधार स्थापित किया। आइए हम जानते हैं कुछ ऐसे ही दिग्गज नेताओं के बारे में, जिन्होंने अपना राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरु किया है।
एक गरीब परिवार में जन्मे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपनी राजनीति की शुरुआत एक छात्र नेता के रुप में जयप्रकाश आन्दोलन से की थी।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपने विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। वे 1972 में मिर्जापुर शहर के संघकार्यवाहक बने। वर्ष 1967 से 1971 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् गोरखपुर संभाग के संगठन सचिव भी रहे।
राजीव प्रताप रुड़ी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र संघ के एक नेता के रुप में की थी सबसे पहले गवर्नमेंट कॉलेज चंड़ीगढ़ के अध्यक्ष चुने गए और बाद में विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए आज वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और बिहार से राज्य सभा के सांसद हैं।
नितिन गड़करी ने भी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने और आज वे भाजपा के अब तक के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने बीएमसीसी कॉलेज से बीकॉम किया। वह कक्षा में एक औसत छात्र थे लेकिन कक्षा के बाहर छात्र राजनीति में बहुत ही सक्रिय थे। और वह शुरू से ही राजनीति के प्रति समर्पण की भावना का परिचय देते रहे हैं।
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1975 में भोपाल के मॉडल हायर सेकेंड़री स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में की और 1977-78 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने।
कई ऐसे नेता है जो छात्र नेता से ही राजनेता बने हैं और अपनी राजनीतिक दूरदृष्टि से देश को बहुत कुछ दिया है। एक आम युवा जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमी नही है, उसके लिए छात्र राजनीति ही मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश का जरिया मानी जाती है। छात्र राजनीति से ही वह अपने अन्दर छिपी संगठन को मजबूत बनाने की भावना, लोगों को अपने से जोड़ने की क्षमता का परिचय दे सकता है और देश को भविष्य में एक मजबूत और सफल राजनीतिज्ञ बनने का अहसास करा सकता है।
जब से राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में आए है तब से अनेक युवाओं का रुझान राजनीति की तरफ हुआ है। वह किसी ना किसी राजनीतिज्ञ को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हुए खुद एक सफल नेता बनने के लिए विद्यालय, महाविद्यालय से ही छात्र नेता बनकर अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने और दूसरो की समस्या को जिम्मेदार तक पहुचाने की लालियत उन्हें उनके मुकाम तक पहुंचाने के लिए सहायता करती है। छात्र नेता से ही एक सफल राजनेता का जन्म होता है।