किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए ट्रेवल एंड टूरिज्म (यात्रा एवं पर्यटन) का क्षेत्र सबसे बेहतर माना जाता है तथा संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक रोजगार भी इसी क्षेत्र में हैं। प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लाखों लोग ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। विश्व पर्यटन संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया आने वाले कुल पर्यटकों में से लगभग 50 प्रतिशत पर्यटक भारत आते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं।
इस इंडस्ट्री में सरकारी पर्यटन विभाग, इमिग्रेशन एंड कस्टम, ट्रेवल एजेंसीज, एयरलाइंस, टूर ऑपरेटर, होटल, एयरलाइन, कैटरिंग, गाइड, दुभाषिए, टूरिज्म प्रमोशन एवं सेल्स जैसी सेवाएं शामिल होती हैं। ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री से अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर ऑपरेटर से लेकर निजी ट्रेवल एजेंट तक जुड़े होते हैं।
ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री में सारा कारोबार सेवाएं प्रदान करने का होता है, जो घर से दूर रहने वालों, चाहे बिजनेस के लिए या छुट्टियां मनाने वाले हों, के लिए होती हैं। लोग मौजमस्ती के लिए यात्रा करते हैं, तीर्थयात्रा करते हैं, एडवेंचर ट्रेवल करते हैं। ट्रेवल एजेंट इन सभी की जरूरतों का आकलन करते हैं तथा जितना बेहतर हो सके, सेवाएं प्रदान करने की कोशिश करते हैं। टूरिस्ट को कैसे, कब तथा कहां ठहरना है, कितने दिन ठहरना है, पैकेज क्या होगा, यह एक ट्रेवल एजेंट तय करता है।
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ट्रेवल कंपनियां यात्रियों को यात्रा से पहले उस देश के नियम-कानूनों से भी अवगत कराती हैं, जिस देश की वे यात्रा करना चाहते हैं। जरूरी कागजात के अलावा कार्गो, टिकटिंग तथा पासपोर्ट संबंधी जानकारी भी ट्रेवल कंपनियां मुहैया कराती हैं। भले ही अन्य देशों की बनिस्पत हमारे देश में ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री की रफ्तार अभी धीमी है, फिर भी धीरे-धीरे इसका विस्तार हो रहा है। जाहिर है, जब इतने लोग ट्रेवल करते हैं, चाहे किसी भी मकसद से करें तो उन्हें संबंधित और जरूरी सेवाएं भी चाहिए। इसके लिए इस इंडस्ट्री से जुड़े हर पहलू को लेकर पढ़ाई और प्रशिक्षण की भी व्यवस्था है। पर्यटन क्षेत्र का विस्तार दिन-प्रतिदिन होता जा रहा है, इसलिए सेवाएं देने के लिए भी अधिक से अधिक लोग चाहिए।
ट्रेवल एंड टूरिज्म क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ट्रेवल एजेंसियों व ट्रेवल एजेंटों की होती है। ये टूरिस्ट और बिजनेसमैन की यात्रा के लिए क्या-क्या जरूरी बातें और चीजें हैं, उनका आकलन करते हैं और उसी के मुताबिक व्यवस्था करते हैं। बहुत सारे रिजॉर्ट्स और ट्रेवल ग्रुप भी अपने टूर पैकेज के प्रमोशन के लिए इन एजेंट्स की मदद लेते हैं।
ये ट्रेवल से जुड़ी लगभग सारी बातों का ध्यान रखते हैं जैसे डेस्टिनेशन तक पहुंचने का सबसे छोटा एवं सुरक्षित रास्ता कौन सा है, वहां पहुंचने का तरीका क्या है, क्या वहां जाने के लिए कुछ कागजात चाहिए, ठहरने की जगह कौन सी अच्छी है, मुद्रा विनिमय की दर क्या है, वहां का मौसम कैसा है, वहां घूमने की जगह कौन-कौन सी अच्छी हैं इत्यादि। टूरिस्ट की रुचि, आवश्यकता और बजट के मुताबिक इन्हें सारा प्रबंध करना होता है।
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ट्रेवल और टिकटिंग में तीन से छह महीने का कोई डिप्लोमा कोर्स करने के बाद किसी भी ट्रेवल एजेंसी में काम किया जा सकता है। बड़ी-बड़ी ट्रेवल एजेंसियां स्वयं ट्रेनिंग भी देती हैं और योग्य युवाओं को अपने यहां नौकरी के अवसर भी प्रदान करती हैं। कुछ एजेंसियां बिना अनुभव वाले ग्रेजुएट को भी विधिवत प्रशिक्षण देने के बाद काम पर रख लेती हैं। ट्रेवल एंड टूरिज्म में टूर ऑपरेटर्स की भी एक अलग तरह की जिम्मेदारी होती है। ये अलग-अलग जगहों के लिए टूर प्लान करते हैं और पर्यटकों की यात्रा और उनके ठहरने का इंतजाम वगैरह करते हैं। टूर ऑपरेटर्स को ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो उनके कंसेप्ट को लोगों तक पहुंचा सकें तथा ग्रुप को स्थान विशेष तक ले जा सकें।
जाहिर है, इन सबके लिए अच्छी पर्सनेलिटी होनी चाहिए, उस जगह के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए, पर्यटकों की उत्सुकता और जिज्ञासा को ठीक-ठीक समझकर उन्हें समझाने की कला भी आनी चाहिए। जो लोग टूर ऑपरेटर्स के साथ काम करना चाहते हैं, वे टूरिस्ट गाइड का कोर्स कर सकते हैं और टूरिस्ट के साथ अच्छा तालमेल बनाकर सेवाएं दे सकते हैं, ताकि जब भी वह ग्रुप पुनः कहीं जाना चाहे, अपने गाइड के तौर पर उसी की डिमांड करे।
ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री में फुल टाइम कोर्सेज के अलावा शॉर्ट टर्म कोर्स के विकल्प भी मौजूद हैं। बैचलर कोर्स तीन साल के और पीजी कोर्स दो साल के होते हैं। कई संस्थानों द्वारा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। ट्रेवल एंड टूरिज्म से जुड़े कुछ प्रमुख कोर्स इस प्रकार हैं- बैचलर ऑफ टूरिज्म एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर ऑफ टूरिज्म स्टडीज, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट, एमए इन टूरिज्म मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन ट्रेवल मैनेजमेंट एंड एयरपोर्ट मैनेजमेंट।
ट्रेवल एंड टूरिज्म से जुड़े एक वर्षीय शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स इस प्रकार हैं- एयरलाइन टिकटिंग, एयरलाइन ग्राउंड ऑपरेशंस, ग्राउंड सपोर्ट एंड एयरपोर्ट मैनेजमेंट, गाइडिंग एंड स्कॉटिंग, कार्गो मैनेजमेंट, एयरपोर्ट लॉजिस्टिक मैनेजमेंट आदि। बारहवीं उत्तीर्ण करने के उपरांत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या फिर डिग्री कोर्स किया जा सकता है। पीजी डिप्लोमा कोर्स या पीजी स्तर के कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। इस कोर्स में किसी भी विषय या स्ट्रीम के छात्र दाखिला ले सकते हैं। इस क्षेत्र में प्लेसमेंट के उजले अवसर हैं। पढ़ाई के दौरान ही उनके लिए नौकरी के रास्ते खुल जाते हैं। एविएशन, टूर ऑपरेटर्स, रिजॉर्ट्स, ट्रेवल बीपीओ, इवेंट मैनेजमेंट की हमेशा डिमांड बनी रहती है।