पणजी। गोवा विधानसभा चुनाव के लिए सभी 40 सीटों पर आज सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। इन चुनावों में 250 उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत का फैसला होगा।
राज्य में 1,642 मतदाता केन्द्रों में 11 लाख से ज्यादा लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। अर्धसैन्य बल और राज्य पुलिसकर्मी मतदाता केन्द्रों की सुरक्षा में तैनात हैं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पणजी में करीब सात बजकर 20 मिनट पर वोट डाला। वह वोट डालने के लिए पंक्ति में खड़े अन्य लोगों के साथ अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस, आप और एमजीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच है।
भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई राष्ट्रीय नेताओं ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया और उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से जनसभाओं को संबोधित किया।
इस बार बड़ी संख्या में नए चेहरे चुनावी मैदान में हैं। साथ ही गोवा के पांच पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ, प्रतापसिंह राणे, रवि नाइक, दिगंबर कामत और लुईझिन्हो फलेरियो के अलावा मौजूदा मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर के राजनीतिक भविष्य का भी फैसला होगा।
पिछले छह महीने से चुनाव की तैयारी में लगे मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने गोवा में चुनाव के लिए कई नए कदम उठाए हैं। पूरी तरह से महिला दल वाले कई मतदाता केन्द्र बनाने के अलावा राज्य में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) मशीन भी लगाई गई हैं।
वीवीपीएटी मशीन से मतदाता ने जिस उम्मीदवार के लिए वोट दिया है, उसे उसकी पुष्टि हो जाएगी। इससे ईवीएम की प्रमाणिकता को लेकर कोई संशय नहीं रहेगा। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने अपने कर्मियों को वीवीपीएटी मशीनों के इस्तेमाल करने के तरीके के बारे प्रशिक्षण दिया है। साथ ही उन्होंने उन अफवाहों को भी खारिज किया है कि इस नयी सुविधा से मतदान की गोपनीयता पर असर पड़ेगा।
गोवा सर्विस मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के जरिये डाक मतपत्र की सुविधा मुहैया कराने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सर्विस मतदाताओं को मतपत्र भेजे गए हैं जो इसे डाउनलोड कर सकते हैं और अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए वोट देने के बाद ईमेल के जरिये निर्वाचन अधिकारी को भेज सकते हैं।
गोवा में 822 सर्विस मतदाता हैं जो रक्षा, अर्धसैन्य बलों या राजनयिक मिशनों में हैं। वे इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं और अब उन्हें डाक के जरिये वोट देने की जररत नहीं होगी।
वर्ष 2012 के गोवा विधानसभा चुनाव में संतोषजनक रूप से 83 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव आयोग ने इन आंकड़ों को बढ़ाने के लिए मतदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं को धन-बल से प्रभावित करने से रोकने के लिए कैसिनो, सट्टेबाजी और अन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी थी। विभिन्न क्षेत्रों की कई हस्तियों ने नैतिक मतदान के संदेश का प्रचार किया। इस विधानसभा चुनाव में आप ने 39 सीटों पर, कांग्रेस ने 37 पर और भाजपा ने 36 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। पिछला विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने वाली भाजपा इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है लेकिन चार सीटों पर वह निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि अगर भाजपा इस तटीय राज्य में फिर से सत्ता में आती है तो पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। (भाषा)