Good Friday 2024: इस बार 24 मार्च को पाम संडे, 29 मार्च को गुड फ्रायडे और 31 मार्च 2024 को ईस्टर संडे मनाया जाएगा। गुड फ्रायडे के दिन यीशु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया है। पाम संडे को यीशु ने जेरूशलम में प्रवेश किया था और ईस्टर संडे को एकमात्र महिला मेरी मेग्दलेन उन्हें जीवित देखा गया। आओ जानते हैं इस घटना के संबंध में 5 रोचक बातें।
1. गुड फ्रायडे : यरुशलम या जेरूसलम में उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा गया और उन्हें शुक्रवार को सूली पर लटका दिया गया। सूली पर लटाने की इस घटना को गुड फ्रायडे कहते हैं। ईसाइयों की पवित्र पुस्तक बाइबिल- यूहन्ना- 18, 19 में इस घटना का विस्तार से विवरण मिलता है।
2. ईसा मसीह को क्यों सुली दी गई?
- मान्यता अनुसार उन्होंने नबूवत का दावा किया था, जिसके चलते यहूदियों में रोष फैल गया था। नबूवत यानी खुद के पैगंबर होने की बात करना। कहते हैं कि यहूदियों के कट्टरपंथियों को ईसा मसीह द्वारा खुद को ईश्वर पुत्र बताना अच्छा नहीं लगा। उन्होंने रोमनों से इसकी शिकायत की और उन्हें सुली देनी की वकालत की।
- एक अन्य मान्यता के अनुसार यीशु जाते हैं टेम्पल मांउट के ऊपर और वे देखते हैं कि टेम्पल के जो आउटर कोटयार्ड है उसके अंदर रोमन टैक्स कलेक्टर बैठे हैं, मनी चेंजरर्स बैठे हैं और वहां पर हर तरह का करोबार हो रहा है। यह देखकर यीशु को बहुत दु:ख होता है कि टेम्पल (पवित्र मंदिर) में इस तरह का कार्य हो रहा है तो वह अपना कबरबंध निकालकर उससे उन लोगों को मार-मार कर उन्हें वहां से निकाल देते हैं। बाद में जब रोमनों के गवर्नर को यह पता चला तो वे इसकी सजा के तौर पर यीशु को सूली देने का ऐलान कर देते हैं।
3. ईसा मसीह को कहां सुली दी गई?
ईसा मसीह को जिस जगह पर सूली चढ़ाया गया था उस स्थान को गोलगोथा नाम से जाना जाता है। यह जगह इसराइल की राजधानी यरुशलम में ईसाई क्षेत्र में है। इस जगह को ही हिल ऑफ़ द केलवेरी कहा जाता है। इस स्थान पर चर्च ऑफ फ्लेजिलेशन है।
4. दुख या पीड़ा का मार्ग : होली स्कल्प्चर से चर्च ऑफ फ्लेजिलेशन तक के मार्ग को दुख या पीड़ा का मार्ग माना जाता है। यात्रा के दौरान 9 ऐतिहासिक और पवित्र स्थल हैं। चर्च ऑफ फ्लेजिलेशन को वह स्थान माना जाता है, जहां सार्वजनिक रूप से यीशु की निंदा हुई और उन्हें गोलगोथा की पहाड़ी पर क्रॉस पर चढ़ा दिया गया।
5. सात वाणी : सलीब पर ईसा मसीह ने 7 बातें कही थी जिसे 7 अमरवाणियां कहते हैं।
पहली वाणी : 'हे पिता इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।'
दूसरी वाणी : 'मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।'
तीसरी वाणी : 'हे नारी देख, तेरा पुत्र। देख, तेरी माता।'
चौथी वाणी : 'हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?'
पांचवीं वाणी : 'मैं प्यासा हूं'
छठी वाणी : 'पूरा हुआ।'