- नीरजND मानव कवि बन जाता है !जब उसको संसार रुलाता,वह अपनों के समीप जाता,पर जब वे भी ठुकरा देतेवह निज मन के सम्मुख आता,पर उसकी दुर्बलता पर जब मन भी उसका मुस्काता है !तब मानव कवि बन जाता है !