गुड़ी पड़वा : भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण त्योहार
नए साल की शुरुआत सूर्य को अर्घ्य देकर करें
हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे ऋषियों-मुनियों ने गुड़ी पड़वा अर्थात चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नववर्ष का आरंभ माना है। गुड़ी पड़वा पर्व धीरे-धीरे औपचारिक होता चला जा रहा है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है।
सैकड़ों वर्ष की गुलामी की दासता में रहते हुए हमारी सोच पाश्चात्य की बन गई। अंगरेजी कैलेंडर नए वर्ष को मनाते हैं। यह परंपर हम नहीं तोड़ पाए हैं।
भारतीय नववर्ष गुड़ी पड़वा को समारोहपूर्वक मनाया जाना चाहिए। अब टीवी और चैनलों पर थर्टी फर्स्ट नहीं, नववर्ष प्रतिपदा के प्रचार की दरकार है।