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विश्वावसु संवत्सर : महानायक की सरकार

नव संवत्सर पर विशेष

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हमें फॉलो करें विश्वावसु संवत्सर
- ज्योतिर्विद डॉ. रामकृष्ण डी तिवार
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विश्वावसु नाम से प्रारंभ होने वाले इस संवत्सर में सभी प्रकार के सुख के साथ विकास व गुणात्मकता की वृद्धि के योग बनेंगे। राष्ट्र की नीति-रीति को प्रभावित करने में तकनीकीजन कलाकार, कौशल संपन्न वर्ग प्रमुख भूमिका निभाएगा।

'सर्वत्र जायते क्षेमं' के उद्घोष से जनसामान्य को सुविधा-शांति मिलेगी। कच्चे माल की कीमत कम रहेगी परंतु उससे बनने वाले पदार्थ, उपकरण वस्तुओं के मूल्य अधिक रहेंगे। चिकित्सक, तकनीकी विशेषज्ञ, कौशल पूर्ण व्यक्तियों की पूछ परख बढ़ेगी और इस प्रकार के कार्य करने वालों को लाभ मिलेगा।

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यह वर्ष धूर्तता, बेईमानी और भ्रष्टाचारियों के लिए बुरी खबर वाला है। राजा की नीति से शासन के गठबंधन में मजबूती, नए स्नेहपूर्ण गठबंधन का निर्माण होगा। अनाज या आम जन-उपयोगी वस्तुओं के मूल्यों में कमी का कोई योग नहीं है। विद्वान-संत का सम्मान बढ़ेगा। नेताओं पर आर्थिक मुकदमे लगने की प्रबल संभावना है। मूल कार्य में व्यक्तियों की रुचि कम रहकर विलासिता में बढ़ेगी।

पर्यटन, मनोरंजन के क्षेत्र में ऐतिहासिक वृद्धि के योग हैं। रत्नों के मूल्य में भारी वृद्धि से आभूषण आमजन से परे रहेंगे। धार्मिक अनुष्ठानों या आयोजनों की संख्या बढ़ेगी। व्यापारी वर्ग का संपर्क विस्तृत होगा, इनके द्वारा नवीन समझौते का योग है। विदेशी संपर्क से धनागमन एवं कार्यपद्धति का लाभ मिलेगा।

वर्ष में प्रमुख ग्रहों में 17 मई 2012 को अस्त स्थिति में राशि परिवर्तन से सत्तासीनों के मनोबल को कमजोर करेगा। शनि का वक्रीय होकर तुला से कन्या राशि में प्रवेश 16 मई 2012 से होने पर राज्य सरकारों में मंत्रियों के विभाग व पद में आकस्मिक परिवर्तन का योग बनेगा। यह स्थिति 3 अगस्त 2012 तक चलेगी उसके पश्चात की स्थिति सामान्य है। राहु-केतु के राशि परिवर्तन 14 जनवरी 2013 से राजनीतिज्ञों की नींद उड़ने लगेगी।

उग्रवादजन्य की घटनाओं और जलीय दुर्घटनाओं के योग बनेंगे। 6 जून 2012 को शुक्र-रवि का संक्रमण जो अद्भुत एवं दुर्लभ योग है, जिसकी पुनरावृत्ति 105 वर्ष पश्चात होगी, से संधियों में खटास, मित्र-राष्ट्रों में बैरभाव, राष्ट्रों के पारस्परिक संबंधों में तनाव की स्थिति का योग बनेगा। इस वर्ष हम इस विशेष योग के साक्षी होंगे।

नए साल में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण आएंगे, जिसमें एक चंद्र ग्रहण नाममात्र का रहेगा। इन तीन पूर्ण और एक नगण्य ग्रहण में से देश में एक ही कंकण सूर्य ग्रहण 21 मई को दिखाई देगा। इस ग्रहण से खड़ी फसलों को हानि, अनाज व तेल में तेजी, मुस्लिम देशों में भारी उथल-पुथल, अराजकता की स्थिति का योग बनेगा। भारत के पूर्वी राज्यों को छोड़कर यह ग्रहण दृश्यमान नहीं होगा।

मध्यप्रदेश और उसके सीमावर्ती प्रदेशों में संवत्‌ 2069 में कोई भी ग्रहण प्रभावकारी नहीं रहेगा। जल स्तंभ, वायु स्तंभ, तृण स्तंभ, अन्न स्तंभ, आर्षमान विचार और रोहिणीवास का विचार करने पर इस वर्ष जल की पर्याप्तता रहेगी। वर्ष में वर्षा की पर्याप्तता रहेगी, परंतु फसलों को कीड़े या अन्य प्रकार से हानि के योग बनने के कारण मूल्यों में कमी का योग नहीं बनता है।

देश में खेलों को बढ़ावा देने वाले कई कार्य होंगे।

* क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में विशेषकर घुड़सवारी में अच्छे योग की संभावना है।

* फिल्म के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के भी योग हैं। लोककला, नाटक, संगीत के क्षेत्र में शासन का विशेष ध्यान जाएगा। इनसे संबंधित क्षेत्र या इनसे जुड़े व्यक्तियों के कद में इजाफे के योग हैं, लेकिन साहित्यकारों के लिए यह वर्ष कष्टकारी रहेगा।

* न्यायिक क्षेत्र में साख बढ़ेगी। शुक्र नायक एवं स्त्री वर्ग का प्रतिनिधि ग्रह है। इससे महिलाओं को कार्य के अवसर मिलेंगे। उनके सम्मान व सुरक्षा से संबंधित कार्य भी होंगे।

* सामाजिक व्यवस्थाओं में परिवर्तनकारी स्थिति से पारिवारिक विघटन की घटनाओं में तथा प्रेम विवाह की संरक्षा में अधिकता आएगी।

वर्ष का मंत्रिमंडल
विभाग मंत्री
राजा - शुक्र
मंत्री - शुक्र
अनाज मंत्रालय - शनि
वर्षा मंत्रालय - गुरु
खरीफ फसल मंत्रालय - चन्द्रमा
रस मंत्रालय - मंगल
धातु मंत्रालय - रवि
फल मंत्रालय - गुरु
अर्थ मंत्रालय - रवि
रक्षा मंत्रालय - गुरु

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