पंचांगीय गणना के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ होता है। इस बार ये 6 अप्रैल 2019, शनिवार से होगा। इस संवत्सर का नाम परिधावी है। इस दिन रेवती नक्षत्र है। जिस दिन से संवत्सर की शुरुआत होती है, वह दिन या दिनाधिपति उस वर्ष का राजा होता है। शनिवार के दिन के मान से इस साल के राजा शनि होंगे।
यह हिंदू नव वर्ष मिश्रित फल देने वाला होगा। राजनीतिक परिवर्तन होंगे। भूमि, भवन संपत्ति के मान से सकारात्मक परिवर्तन दिखेंगे। सामाजिक दृष्टिकोण से मूल्यों के स्तर पर गिरावट दिखाई देगी। बारिश का प्रभाव मध्यम रहेगा। खेती अनुपातिक ही होगी। पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य अस्थिरता से परेशानी आएगी।
जानिए राजा और मंत्रीमंडल का शुभ-अशुभ असर
राजा शनि- बारिश के नजरिए से प्राकृतिक प्रभाव परेशानी उत्पन्न करेगा। जनमानस आध्यात्म की अनुभूति करेगा।
मंत्री सूर्य- फलों का अधिक उत्पादन होने से रस पदार्थों में मंदी रहेगी। पूर्वोत्तर में उत्तम कृषि तथा धान्य की स्थिति में सुधार होगा।
सद्येश मंगल- संक्रमण का प्रभाव बढ़ेगा। पशुधन पर संकट रहेगा। दक्षिण के कुछ प्रांतों में पेयजल संकट होगा। सामाजिक अस्थिरता, हिंसात्मक घटनाएं होंगी।
धान्येश चंद्र- पशुधन की सुरक्षा का लाभ मिलेगा। बारिश में आध्यात्मिक अनुष्ठान से स्थिति अच्छी होगी।
रसेश गुरु- औषधियों का उत्पादन बढ़ेगा। श्रावण व भादौ में जल की स्थिति अच्छी रहेगी। जल स्रोत लबालब रहेंगे।
रेवती नक्षत्र से प्रकृति का संतुलन
नए साल की शुरुआत रेवती नक्षत्र में होने से प्रकृति का संतुलन बना रहेगा। रेवती नक्षत्र पंचक का पांचवां नक्षत्र है, जिसके अधिपति पुषा हैं। ऋग्वेद की मान्यता के अनुसार यह प्रकृति के संतुलन के देवता हैं।