नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भाजपा पर गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ‘निर्लज्जता’से खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मांग की कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल द्वारा लगाए गए आरोप के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। हार्दिक ने आरोप लगाया था कि उसे कथित रूप से 1200 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा द्वारा धन बल एवं बाहुबल में कथित रूप से संलग्न होने का यह एकमात्र उदाहरण नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने याद दिलाया कि हार्दिक के सहयोगी नरेन्द्र पटेल ने एक माह पहले आरोप लगाया था कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपए की पेशकश की गई।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में अपनी पार्टी के इस रूख को दोहराया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी एवं अन्य सहित भाजपा नेताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से अलग से जांच कराने तथा रिश्वत मामलों की जांच के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने को कहा।
सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने इस नारे ‘ना खाऊंगा न खाने दूंगा’ को पूरी तरह लागू करें, चुनिंदा ढंग से नहीं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा इन गतिविधियों में इसलिए संलिप्त है क्योंकि उसे गुजरात में अपनी आसन्न हार अनुभव हो रही है जहां पार्टी ने 22 साल तक शासन किया।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार हार्दिक ने कल गुजरात में संबोधित करते हुए कहा था कि मैं बिकाऊ नहीं हूं। अन्यथा मैं जब जेल में था तो मैंने कैलाशनाथ (रूपानी के मुख्य प्रमुख सचिव) की 1200 करोड़ रूपए की पेशकश को स्वीकार कर लिया होता। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता ने पटेलों को आरक्षण दिलाने की मांग पर आंदोलन किया था और वह अक्टूबर 2015 से नौ माह तक जेल में रहा था।
सिंघवी ने हार्दिक के इस दावे का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि भाजपा रिश्वत, खरीद-फरोख्त, धन एवं जनबल का दुरुपयोग, दबाव एवं धमकियों के कथित कृत्यों में निर्लज्जता से शामिल है। (भाषा)