अहमदाबाद। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ भाजपा को झटका देते हुए कोडिनार सीट से भाजपा विधायक जेठा सोलंकी ने शनिवार को पार्टी छोड़ दी और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। सोलंकी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में दलितों ने अत्याचारों का सामना किया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी द्वारा नियुक्त संसदीय सचिवों में से एक सोलंकी ने पद से इस्तीफा दे दिया। संसदीय सचिवों को उप मुख्यमंत्री के बराबर समझा जाता है और माना जाता है कि वे मंत्रियों की मदद करते हैं।
दलित नेता ने कहा कि पार्टी ने जब उन्हें बताया कि इस बार मुझे टिकट नहीं दी जाएगी तो मुझे निराशा हुई थी। उन्होंने कहा कि मैंने एक विधायक और संसदीय सचिव के तौर पर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है क्योंकि पार्टी ने मेरी बातों को सुनना बंद कर दिया है।
सोलंकी ने बताया कि पार्टी ने उन्हें सूचित किया था कि इस बार उन्हें कोई टिकट नहीं दिया जायेगा। उन्होंने कहा पार्टी ने मुझे इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की कोशिश की थी लेकिन मैंने अपना इस्तीफा वापस नहीं लेने का फैसला किया है।
उना दलित अत्याचार मामले का हवाला देते हुए सोलंकी ने कहा कि भाजपा के इस शासन में दलित समुदाय ने कई अत्याचार का सामना किया है। समुदाय कठिन स्थिति का सामना कर रहा है।
सोलंकी ने कहा कि उना घटना के दौरान इससे पहले आनंदीबेन पटेल के शासन में कुछ कदम उठाए गए थे लेकिन विजय रूपानी के मुख्यमंत्री बनने पर उनकी सरकार ने दलितों के उत्थान के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
बहरहाल सोलंकी ने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे या किसी अन्य पार्टी में शामिल होंगे।
इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता आई के जडेजा को वाधवान सीट से टिकट नहीं दिए जाने के कारण उनके समर्थकों ने गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय पर हंगामा किया। भाजपा ने इस सीट से धनजीभाई पटेल को टिकट दिया है। (भाषा)