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भाजपा में 75 साल पार के नेताओं को चुनावी टिकट नहीं देने का कभी कोई नियम नहीं था : सत्यनारायण जटिया

हमें फॉलो करें भाजपा में 75 साल पार के नेताओं को चुनावी टिकट नहीं देने का कभी कोई नियम नहीं था : सत्यनारायण जटिया
, शुक्रवार, 4 नवंबर 2022 (21:37 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। भाजपा के संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य सत्यनारायण जटिया ने शुक्रवार को कहा कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनावी टिकट नहीं देने को लेकर पार्टी ने कभी कोई नियम नहीं बनाया था, लेकिन लोगों ने इसे नियम मान लिया था।

स्टेट प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा में यह कथित नियम समाप्त कर दिया गया है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनावी टिकट नहीं दिया जाएगा। इस पर जटिया ने तुरंत जवाब दिया कि (भाजपा में) यह नियम तो कभी बना ही नहीं था। लोगों ने मान लिया था कि ऐसा नियम बन गया है।

भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई में शामिल 76 वर्षीय नेता ने कहा, हम जब दीपावली पर अपने घर की सफाई करते हैं, तो यह सोचते हुए कुछ चीजों को हटाकर सुरक्षित स्थान पर रख देते हैं कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जाएगा। इसी तरह जब तक किसी व्यक्ति की सांस चल रही है तब तक वह उपयोगी है।
 
गौरतलब है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (79) इंदौर से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीती थीं। लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के भाजपा के कथित नीतिगत निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने वक्त की नजाकत भांपते हुए पांच अप्रैल 2019 को खुद घोषणा की थी कि वह बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी।
 
मध्यप्रदेश में जुलाई में संपन्न नगरीय निकाय चुनावों के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर-चंबल अंचल में सत्तारूढ़ भाजपा को नुकसान के सवाल पर जटिया ने सिंधिया का बचाव किया। जटिया ने कहा कि सिंधिया की राजनीतिक प्रतिभा और कुशलता प्रकट करने का समय तो अब आया है, क्योंकि जब ये नगरीय निकाय चुनाव हुए तब उन्हें कांग्रेस से भाजपा में आए ज्यादा समय नहीं हुआ था।

उन्होंने अपनी बात में जोड़ा, इलाहाबाद में जब गंगा और यमुना नदी मिलती हैं तो कुछ समय तक दोनों नदियों का पानी अलग-अलग दिखाई देता है, लेकिन जब गंगा वाराणसी में आ जाती है तो एक सरीखी दिखाई देती है।भाजपा के अगस्त में फिर से गठित संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया गया था। वहीं राज्य से ताल्लुक रखने वाले जटिया ने इस अहम इकाई में जगह पाकर राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया था।

इस बारे में पूछे जाने पर जटिया ने कहा, मुझे सक्रिय राजनीति में 50 साल पूरे हो चुके हैं। इसे देखते हुए पार्टी ने मुझे संसदीय बोर्ड में शामिल किया होगा। यह पूछे जाने पर कि पंजाब में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा के सामने कितनी बड़ी चुनौती है, जटिया ने कहा, गुजरात में भाजपा का विजय रथ नहीं रुकेगा। गुजरात में जब तक आम आदमी पार्टी का संगठन स्थापित नहीं हो जाता, तब तक वह सरकार बनाने लायक स्थाई चुनावी जीत हासिल नहीं कर सकती।(भाषा) फोटो सौजन्‍य : फेसबुक
Edited by : Chetan Gour

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