अहमदाबाद। गुजरात की 182 विधानसभा सीट के लिए कुल 1,621 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। राज्य में भले ही करीब 50 प्रतिशत महिला मतदाता हो लेकिन महिला उम्मीदवारों की संख्या मात्र 189 है। भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने हमेशा की तरह इस बार भी कुछ ही महिलाओं को टिकट दिया है, लेकिन इस साल इन दलों की ओर से चुनाव लड़ रहीं महिला उम्मीदवारों की संख्या 2017 चुनाव की तुलना में बढ़ी है।
भाजपा ने 2017 में 12 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था और इस बार इसने 18 महिलाओं को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने 2017 में 10 महिला उम्मीदवारों की तुलना में इस बार 14 महिलाओं को चुनावी मैदान में खड़ा किया है। दोनों दलों ने इस बार दलित एवं जनजातीय समुदायों की अपेक्षाकृत अधिक महिला उम्मीदवारों को चुनावी दौड़ में उतारा है। पहली बार गुजरात में चुनाव लड़ रही आप ने मात्र 6 महिलाओं को टिकट दिया है।
वड़ोदरा में सयाजीगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अमी रावत ने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व तब बढ़ेगा, जब संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित होगा, जबकि भाजपा की राज्य महिला शाखा की प्रमुख दीपिकाबेन सर्वदा ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही अध्यक्ष समेत महत्वपूर्ण पद देकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अगले महीने दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को होने वाले गुजरात चुनाव में कुल 1,621 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से 139 महिला उम्मीदवार हैं। इन महिलाओं में से 56 निर्दलीय हैं।
राज्य में 2017 में हुए चुनाव में कुल 1,828 उम्मीदवारों में से 126 महिला उम्मीदवार थीं। उस साल गुजरात ने 13 महिला उम्मीदवारों को विधानसभा भेजा था। इसमें भाजपा की 9 और कांग्रेस की 4 महिला उम्मीदवार थीं। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि कम से कम 104 महिला उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसने 2 महिलाओं को टिकट दिया है, जिनमें 1 मुस्लिम और 1 दलित समुदाय की महिला है। 101 सीट पर चुनाव लड़ रही बसपा ने 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
Edited by : Nrapendra Gupta (भाषा)