प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला
भाजपा ने अल्पंसख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञापनों को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह तथा अन्य लोगों के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दायर की है। भाजपा का आरोप है कि ये विज्ञापन एक समुदाय विशेष को लुभाने के लिए जारी किए गए और ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने राज्य में पहले चरण के विधानसभा चुनाव से दो दिन पूर्व एक राष्ट्रीय समाचार-पत्र में आधे पृष्ठ का एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है, जिसका शीर्षक है- 'अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम। राज्य में 11 दिसंबर को पहले चरण का मतदान हो रहा है'।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि विज्ञापन साफ तौर पर अल्पंसख्यकों को निर्देशित है जिसमें मुसलमान, ईसाई तथा अन्य धर्मों का विशेष रूप से नाम लिया गया है।
भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है- विज्ञापन की विषय वस्तु तथा इसे जारी करने का समय दर्शाता है कि एक विशेष वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया गया है।
इसमें धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया गया है और यह छद्म राजनीतिक विज्ञापन कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक फायदा पहुँचाने के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री के अलावा भाजपा ने अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री एआर अंतुले के खिलाफ भी कार्रवाई की माँग की है।
विज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार अल्पंसख्यक समुदाय के छात्रों तथा उम्मीदवारों को अनुमोदित कोचिंग संस्थानों में मुफ्त कोचिंग उपलब्ध कराती हैं। इसके साथ ही इसमें विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार कोचिंग हासिल की जा सकती है।