कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने शनिवार को गुजरात सरकार पर जनता से विश्वासघात करने का आरोप लगाया और मतदाताओं से कहा कि वे तय करें कि उन्हें भय और भ्रम की विचारधारा पसंद है या सांप्रदायिक सद्भाव और विकास की।
सूरत जिले के आदिवासी बहुल मांडवी में चुनावी सभा में सोनिया ने कहा आपके सामने दो विचारधाराएँ हैं। एक भय और भ्रम की है तो दूसरी सांप्रदायिक सद्भाव और विकास की। अगर आप सांप्रदायिक सद्भाव और विकास चाहते हैं तो कांग्रेस को वोट दें।
गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 11 दिसंबर को मतदान कराया जाना है। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस भाईचारे और सद्भावना के दर्शन में विश्वास करती है। भाजपा विकास की बात करना तो पसंद करती है, लेकिन इसे किसानों या आदिवासियों की तनिक भी फिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की रिक्तियों का बैकलॉग है। राज्य सरकार ने वन सहकारी समितियों को बंद कर दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासित गुजरात में हिंसा और पीड़ा का वातावरण है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है और अपराध की दर तेजी से बढ़ी है। आदिवासियों पर जुल्म बढ़ा है और यहाँ तक कि गुजरात में महिलाएँ और बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। सोनिया ने कहा कि लोगों की सुरक्षा में भी गुजरात सरकार ने भेदभाव की नीति अपना ली है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने तमाम वायदे और घोषणाएँ की थीं, जो बाद में खोखली साबित हुईं। कांग्रेसनीत संप्रग शासन में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वालों को मिलने वाली रियायतों से तमाम गरीबों को अयोग्य करार दिए जाने के भाजपा के आरोप पर सत्तारूढ़ गठबंधन की अध्यक्ष ने कहा कि बीपीएल नीति की समीक्षा राजग शासन के दौरान ही की गई थी।
सोनिया ने कहा गुजरात में विकास का अधिकांश हिस्सा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की नीतियों और प्रदेश की जनता की कड़ी मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने गुजरात को करोड़ों रुपए दिए हैं, लेकिन यह धन जरूरतमंदों तक नहीं पहुँचा।
सोनिया ने कहा कि यह हमारी नहीं बल्कि भाजपा सरकार की विफलता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आपको भाजपा सरकार से पूछना चाहिए कि विकास कार्यों के लिए उसे केन्द्र से मिला धन कहाँ गया।