इस वर्ष 23 जुलाई से शुरू होकर 24 जुलाई तक गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान तथा दान-पुण्य करने का महत्व बताया गया है। यह पर्व महर्षि वेद व्यास के सम्मान में मनाया जाता है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 23 जुलाई 2021 को प्रात: 10.45 मिनट से प्रारंभ होकर 24 जुलाई को प्रात: 08.08 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई, शनिवार को मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन ही उदया तिथि है। धार्मिक शास्त्र और परंपरा के अनुसार में कोई भी उत्सव सूर्य निकलने के साथ होने वाली तिथि को मनाए जाने का विधान है।
गुरु पूर्णिमा पर शुभ योग का संयोग-
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग सुबह 06.12 मिनट तक रहेगा। वैदिक ज्योतिष में विष्कुंभ योग को शुभ योगों में नहीं गिना जाता है, लेकिन प्रीति और आयुष्मान योग का एक साथ बनना बहुत शुभ माना जाता है। इस बार प्रीति योग 25 जुलाई को सुबह 03.16 मिनट तक और इसके बाद आयुष्मान योग लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में प्रीति और आयुष्मान योग में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
गुरु पूर्णिमा का शुभ समय मुहूर्त-
अमृत काल- सुबह 01:00 बजे से सुबह 02:26 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त- अलसुबह 04:10 मिनट से 04:58 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:02 मिनट से 12:56 मिनट तक रहेगा।
शनिवार के खास योग-
हिंदू पंचांग के अनुसार 24 जुलाई, शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12.40 मिनट से आरंभ होगा और इस योग का समापन 25 जुलाई को प्रात: 05.39 मिनट होगा।
आज सूर्योदयकालीन तिथि चतुर्दशी की रहेगी और राहुकाल का समय प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक रहेगा।