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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान

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, मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 (19:06 IST)
हरिद्वार। महाकुंभ 2021 का अंतिम शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा मंगलवार को हर-हर महादेव के जयकारों के साथ आयोजित हुआ। कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण संन्यासी अखाड़ों ने प्रतीकात्मक स्नान किया। सुबह से ही श्रद्धालुओं के हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का क्रम शुरू हो गया।

 
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर घाट पर स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पुण्य की कामना मां गंगा और अपने आराध्य देवी देवताओं से की साथ ही भगवान से कोरोना महामारी के खात्मे की भी प्रार्थना की। जिससे कि लोगों का जीवन सुरक्षित, स्वस्थ और सुखमय बन सके। आम श्रद्धालुओं के स्नान के बाद अखाड़ों के साधु-संतों के शाही स्नान के लिए पुलिसकर्मियों ने घाट खाली कराया और गंगा सभा के स्वयंसेवकों और नगर निगम के कर्मचारियों ने घाटों की साफ-सफाई की। इसके बाद महाकुंभ के चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पर अखाड़े के साधु-संतों के आने का क्रम प्रारंभ हुआ।

 
सबसे पहले पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु-संत अखाड़ा सचिव और मनसादेवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी के नेतृत्व में प्रतीकात्मक शाही स्नान के लिए पहुंचे। मेला आधिकारी दीपक रावत ने संतों का स्वागत किया। अपने अखाड़े के आराध्य देव और मां गंगा की पूजा-अर्चना करने के साथ ही कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए संतजन मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर प्रतीकात्मक शाही स्नान करने के बाद छावनी में वापस लौटे।

दूसरे क्रम में जूना अखाड़ा, श्री अग्नि और आवाहन अखाड़े के साधु- संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि के नेतृत्व में 'हर-हर महादेव' का जयघोष करते हुए स्नान किया। साथ ही किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपने अखाड़े के संतों के साथ हर की पैड़ी पर गंगा स्नान किया। अखाड़े के संतों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील स्वयं संतजनों ने ही की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरिगिरि स्वयं संतों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करने को जागरूक करते रहे।
 
इसके बाद अगले क्रम में श्री महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े के साधु-संत स्नान के लिए ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पहुंचे। मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुंज्याल, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री महंत हरिगिरि और श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने संतों का स्वागत किया। अखाड़े के संत महंत रवीन्द्र पुरी ने सभी संतों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की और मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, हरिद्वार की जनता और मीडिया का महाकुंभ के आयोजन में सहयोग के लिए आभार जताते हुए साधुवाद दिया और सभी संतों ने गंगा स्नान किया।
 
इसके बाद अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के संतजन शाही स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पहुंचे। संतजन 'जय श्रीराम' और 'हर-हर महादेव' का जयघोष कर शाही स्नान कर रहे थे। इसी क्रम में अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अणि और श्री निर्वाणी अणि अखाडे़ के संतजन भी शाही स्नान को पहुंचे। महंत धर्मदास, महंत गौरीशंकर दास, महंत राजेन्द्रदास, रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य सहित अन्य संतों ने शाही स्नान किया।

 
श्री निर्वाणी अणि अखाड़े के महंत गौरीशंकर दास ने शाही स्नान में आए साधु संन्यासियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्नान की अपील की। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन की कोविड गाइडलाइंस और दिशा निर्देश का पालन करने की अपील की। मेला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस के जवानों के कार्य की सराहना कर सभी के लिए मंगलकामना की।

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उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का नाश अवश्य होगा, हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने स्नान के पहले और स्नान के बाद मास्क की अपील करते हुए संतजनों के सहयोग के लिए आभार जताया।  इसके बाद श्री पंचायती बड़ा उदासीन, श्री पंचायती नया उदासीन और सबसे आखिर में श्री निर्मल पंचायती अखाड़े के साधु-संतों ने शाही स्नान कर मां गंगा से सभी के कल्याण की कामना की।(वार्ता)

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