हरियाणा में उचाना कलां, डबवाली, असंध और दादरी में भाजपा की जीत का मार्जिन आप को मिले वोटों से कम रहा। अगर दोनों दलों में चुनाव पूर्व गठबंधन कर लेते ते खेल बदल सकता था। भाजपा अगर यह 5 सीटें हार जाती तो बहुमत से पीछे रह जाती और कांग्रेस का आंकड़ा भी 42 पर पहुंच जाता। दोनों मिलकर इनके अलावा भी कई सीटों पर ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे।
उचाना कलां में कांग्रेस को मात्र 32 वोटों से हार का सामना करना पड़ा जबकि आप उम्मीदवार को लगभग 2500 वोट मिले। इसी तरह डबवाली में कांग्रेस 610 वोटों से चुनाव हारी जबकि आप को 6600 वोट मिले।
असंध सीट पर कांग्रेस नेता शेमशेर सिंह गोगी 2306 वोटों से हार गए जबकि आप के अमनदीप सिंह 4290 वोट ले गए। दादरी में आप के धनराज सिंह 1339 वोट ले गए जबकि कांग्रेस की मनीषा सांगवान मात्र 1957 वोटों से चुनाव हारीं।
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि चुनाव परिणामों का सबसे बड़ा सबक यह है कि चुनाव में कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह मिली।
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta