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गुटखा छीन लेगा आपकी मर्दानगी!

सावधान, नपुंसक बना देता है गुटखा

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डॉ. भारत भूषण

इस बार जब किसी गुटखे के पाउच की रंग-बिरंगी पैकिंग खोलकर अपने मुंह में डालें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि इससे न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, बल्कि इससे दांत भी खराब हो सकते हैं। इतना ही नहीं, गुटखे में मौजूद कई किस्म के रसायनों से हमारे डीएनए को भी नुकसान हो सकता है।

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इसके अलावा हमारे सेक्स हार्मोन भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एज्यूकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि गुटखा खाने का बुरा असर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर होता है। इससे पहले विभिन्न अध्ययनों में धुआंरहित तंबाकू उत्पाद गुटखा से दांतों के खराब होने पर ही सहमति थी।

भारत में दुनिया के दूसरे देशों की अपेक्षा कैंसर होने के खतरे सबसे ज्यादा होते हैं। गुटखे में तंबाकू, कत्था, सुपारी, चूने के साथ और कई नशीले पदार्थों को मिलाया जाता है, जो हमारे शरीर के एंजाइमों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। हमारे शरीर के हर अंग में पाए जाने वाले साइप-450 नामक एंजाइम की कार्यक्षमता पर इसका बुरा असर पड़ता है। चंडीगढ़ में हुआ यह अध्ययन साइंस जर्नल 'केमिकल रिसर्च इन टॉक्सीकोलॉजी' में प्रकाशित किया गया है।

हमारे शरीर में ये एंजाइम हार्मोंस के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा गुटखा हमारे शरीर में टॉक्सिन बनने की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाता है। जो हार्मोन टॉक्सीन बनाते हैं, यह उनको नुकसान पहुंचाता है। इस अध्ययन के लिए जानवरों को चुना गया था।

पीजीआई चंडीगढ़ के डिपार्टमेंट ऑफ बायोफिजिक्स के मुख्य अनुसंधानकर्ता डॉ. कृष्ण एल. खंडूजा के अनुसार गुटखे का आदमी और जानवर दोनों पर ही विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन के कई महत्वपूर्ण नतीजे सामने आए हैं। इससे यह पता चला है कि धुआंरहित तंबाकू से न केवल मुंह और दांत संबंधी समस्याएं होती हैं, बल्कि शरीर के कई अंगों जैसे फेफड़ों, लीवर, सेक्स और किडनी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

चबाने वाली तंबाकू में कई किस्म के रसायन होते हैं, जो हमारे रक्त में मिलकर पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं। इससे पहले वैज्ञानिकों के पास धुआंरहित तंबाकू का शरीर के अन्य अंगों पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के विषय में ज्यादा ज्ञान नहीं था। इसी बात की जाँच करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों पर अपने प्रयोग किए और धुआंरहित तंबाकू यानी गुटखे के एंजाइम्स और जेनेटिक्स पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को जांचा गया।

हैलिस शेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ, मुंबई के डायरेक्टर डॉ. प्रकाश सी. गुप्ता के अनुसार इस शोध से यह संदेश मिलता है कि गुटखा मुंह संबंधी बीमारियों को बुलावा तो देता है, पर सेक्स हार्मोन पर इसका सबसे ज्यादा निगेटिव प्रभाव देखा गया है।

यहां तक कि अधिक मात्रा में लगातार सेवन से आदमी नपुंसक हो सकता है। साथ ही यदि गर्भवती महिलाएं लगातार गुटखे का सेवन करती हैं तो इससे उनके आने वाले बच्चे को कई किस्म की समस्याएं हो सकती हैं। गुटखा मौत का पैगाम लेकर आता है हम उसे सुनने में देर कर देते हैं।

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