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फास्ट-फूड बढ़ाता है तनाव और चिड़चिड़ाहट

शॉर्ट टेंपर्ड होते हैं फास्ट-फूड खाने वाले

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अगर आप सोचते हैं कि हफ्ते या महीने में एक या दो बार फास्ट-फूड खाने से शरीर पर कुछ खास असर नहीं पड़ता होगा। पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। एक शोध में पाया गया है कि फास्ट-फूड खाने से हमारे शरीर पर तनाव का सीधा प्रभाव पड़ता है और हम जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं।

कैलेग्रे विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध के अनुसार, फास्ट-फूड का अधिक सेवन करने वाले लोगों के शरीर में तनाव को झेलने की क्षमता कम होती है और वे अपेक्षाकृत तनाव पर जल्द ही प्रतिक्रिया करते हैं।

यह सर्वे विद्यार्थियों के दो वर्ग पर किया, जिसमें एक वर्ग को फास्ट-फूड और दूसरे वर्ग को फैटरहित अनाज और दूध का नाश्ता कराया गया और दिन भर किए गए कार्यों का निरीक्षण किया गया। इसके परिणामस्वरूप पाया गया कि दूसरा वर्ग पहले वर्ग की अपेक्षा तनाव को अधिक देर तक झेल सकता है।

डॉक्टर टैविस कैम्पबेल के अनुसार इस शोध के परिणाम देखकर हमें बहुत आश्चर्य हुआ। हमने कभी नहीं सोचा था कि फास्ट-फूड के अधिक सेवन से तनाव पर प्रतिक्रिया बढ़ जाती है। इससे आगे चलकर रक्तचाप बढ़ जाने का भय भी उत्पन्न होता है।

इस सर्वे के दूसरे चरण में 30 युवा और स्वस्थ व्यक्तियों को एक दिन के उपवास के बाद, बराबर मात्रा में दोनों तरह के भोजनों का सेवन कराया गया। बाद में पाया गया कि कम फैट वाला भोजन करने वाले लोग तनाव को अपेक्षाकृत अधिक देर तक झेल सकते हैं।

शोधकर्ता फैबिजाना जकूजी के अनुसार, इन सब क्रियाओं से हमने यह पाया कि ज्यादा फैटी भोजन करने वाले लोग शारीरिक व मानसिक तनाव पर जल्दी प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं। इसके लिए हमने उनके रक्त-चाप और हृदय गति का भी परीक्षण किया। वह यह भी कहती हैं कि कम खाना या कुछ न खाना भी शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।

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