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शरीर में पानी की मात्रा

-सेहत डेस्क

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एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 35 से 40 लीटर पानी हमेशा बना रहता है।

जिस प्रकार नहाने से शरीर के बाहर की सफाई होती है, ठीक उसी प्रकार पानी पीने से शरीर के अंदर की सफाई होती है।

पानी अधिक पीने से कोई हानि नहीं होती, अतिरिक्त पानी कुछ समय बाद शरीर के बाहर निकल जाता है, साथ ही अपने साथ अनुपयोगी पदार्थ भी साथ ले जाता है। इस प्रकार शरीर के अंदर की सफाई होती है।

एक वयस्क पुरुष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है।

हमारी हड्डियाँ, जो देखने में ठोस और कड़ी मालूम होती हैं, में 22 प्रतिशत पानी होता है। हमारे दाँतों में 10 प्रतिशत, त्वचा में 20, मस्तिष्क में 74.5, मांसपेशियों में 75.6, और खून में 83 प्रतिशत पानी होता है।

  पानी अधिक पीने से कोई हानि नहीं होती, अतिरिक्त पानी कुछ समय बाद शरीर के बाहर निकल जाता है, साथ ही अपने साथ अनुपयोगी पदार्थ भी साथ ले जाता है। इस प्रकार शरीर के अंदर की सफाई होती है।      
प्रतिदिन हमारे शरीर से 2.3 से 2.8 लीटर तक पानी विभिन्न रास्तों से बाहर निकल जाता है। गुर्दों से पेशाब के रूप में 1.5 लीटर, मल मार्ग से 0.13 लीटर, त्वचा से पसीने के रूप में 0.65 लीटर और साँस द्वारा फेफड़ों से 0.32 लीटर पानी शरीर से बाहर निकल जाता है।

जो लोग अधिक पानी पीते हैं, उनके शरीर से प्रतिदिन विभिन्न रास्तों से अधिक पानी शरीर से बाहर निकलता है। खून में पानी की मात्रा कम होने से मस्तिष्क के जल आपूर्ति सूचना केन्द्र हाइपोथैलेमस में संकेत पहुँचते हैं और हमें प्यास लग जाती है।

पानी की उपयोगिताएँ

* मलेरिया में जब ठंड लगती है, तब गुनगुना पानी पीना लाभदायक होता है।

* बुखार के रोगी का पसीना निकालने हेतु भी गरम पानी देना चाहिए।

* अम्लता के रोगी को व गठिया के रोगी को भी गुनगुना पानी पीना चाहिए। पेट दर्द में गरम पानी लाभ करता है, लेकिन इसे चुस्की लेकर पीना चाहिए।

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* अजीर्ण रोग, वात रोग तथा कामला रोग में पानी औषधि का काम करता है, कामला में 6-7 लीटर पानी पीने का प्रयास करना चाहिए।

* जुकाम होने पर नीबू डालकर पानी पीने से लाभ होता है। पथरी रोग में पर्याप्त पानी पीने से यकृत साफ रहता है, पित्त तरल होता है व पथरी गलकर निकल जाती है।

पानी से हानियाँ

* भोजन के बीच में अधिक पानी पीना हानिकारक है।

* प्यास के बिना पानी नहीं पीना चाहिए, प्यास लगे इसके लिए नमकीन या कुछ मीठा पदार्थ खा लेना चाहिए।

* भोजन के आधा घंटा पहले तथा भोजन के बाद एक घंटे बाद तक पानी न पिएँ, भोजन के बीच में भी ज्यादा पानी न पिएँ, इससे हाजमा बिगड़ जाता है।

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